Translate

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

आप के प्रति लोगों का नज़रिया कैसा है ?

आप कितने ईमानदार हैं ?
आप कितने बेईमान हैं ?
आप का किरदार कैसा है ? 
आप की सोंच कैसी है ?
आप के प्रति लोगों का नज़रिया कैसा है ?
आप के प्रति लोगों का व्यवहार कैसा है ?
इसे आप बहुत अच्छी तरह से जानते हैं ।
लेकिन अपने आप को समृद्ध बनाने और विकास की ओर बढ़ाने की परवाह को नज़रंदाज़ कर के , आप लोगों के हर चीज को जानने के चक्कर में , अपने वक़्त और उर्जा को ज्यादा बर्बाद करते हैं ।
जिस दिन आप खुद को समझने और खुद को आगे बढ़ाने के चक्कर में पड़ेंगे , तो लोगों के चक्कर को छोड़ देंगे ।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

समझना और समझाना

किसी को समझने के लिए कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है । 
कुछ वक़्त देना पड़ता है । 
कुछ दिन गवाने पड़ते हैं ।
हर व्यक्ति अपने आप को समझाने की कोशिश में लगा हुआ है । पुरी बात / मुआमला , समझने से पहले अपनी बातों के माध्यम से खुद ही समझाना शुरु कर देते हैं ।
लेकिन हर लोग समझने की कोशिश नहीं करते । 
अपनी समझाने के चक्कर में ।
समझना और समझाना दोनों अलग - अलग प्रकृयाएं हैं ।
बिना किसी की पुरी बात समझे हुए कुछ समझाया नहीं जा सकता । अकसर ऐसा भी होता है कि जब किसी को पुरी तरह से समझ लेंगे , तो फिर समझाने की जरुरत नहीं पड़ती । बेहतर तो यही होगा कि जबतक कोई समझाने को न कहे तब-तक किसी को समझाने की कोशिश न करें । यही सबसे बड़ी समझदारी है । क्यों कि पता नहीं अगला व्यक्ति उस समय किस मुड में हो । बातों ही बातों में बात का बतंगड़ भी हो जाता है । कभी कभी अपशब्दों के प्रयोग से धरापकड़ी भी हो जाती है । जहां आप के बोलने की आवश्यकता न हो वहां खामोशी बनाए रखना सबसे बड़ी कला और समझदारी है ।
आज के इस तनावपूर्ण दौर में सभी लोग हमेशा फ्रेश मूड में नहीं होते ।