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गुरुवार, 5 जनवरी 2023

कृप्टोकरेंसी

कृप्टो करंसी का मार्केट बहुत बड़ा है। कहीं कुछ मिल जाता है , तो कहीं कुछ डूब भी जाता है । इसपर पुरी तरह से आशा कर लेने पर दिल को धक्का भी लगता है । इस लिए इसे एक एक्सपर्ट और आधुनिक जुआ या सट्टेबाजी भी कहा जा सकता है । जिसे खेलने के लिए उतने पैसे से खेलें कि जितना पैसा आप भूल सकते हों , इस पैसे पर निर्भर होकर न लगाएं ।
कृप्टो करंसी के जानकार कम लोग हैं और ऐसे लोग जो जानकार हैं वे लोगों के चक्कर में कम रहते हैं , कारण कि इन्हें आनलाइन पैसा कमाना होता है जो डेली अर्निंग का मामला होता है । इसमें नेटवर्किंग की आवश्यकता नहीं होती । हां पैसा अगर कम है तो कम अर्निंग होती है । ज्यादा पैसे से ज्यादा अर्निंग होती है , ऐसे में तीन से चार पार्टनर एक हो सकते हैं ।
शैयर मार्केट और ट्रेडिंग जैसे सेक्टर में ज्यादा पैसों की आवश्यकता होती है इसमें भी पार्टनर बनने के लिए धैर्य का होना जरूरी है साथ ही साथ अगर आप भी इस प्लेटफार्म के जानकार हैं तो आप को अपने पार्टनर से कोई शिक़ायत नहीं होगी क्यों कि सारी प्रक्रिया आप के आंखों के सामने से होकर ही गुजरेगी और यदि आप जानकार नहीं है तो फिर विश्वास करिए । तीन बार लगातार नुकसान होने पर बंद कर दीजिए ।
सबसे बेहतर तो यही होगा कि पहले आप खुद सीखने कि कोशिश करें उसके बाद ही कोई क़दम बढ़ाएं ।
बिटक्वॉइन और इथेरियम की कोई नेटवर्किंग नहीं है । आप को एक्सचेंज पर जाकर खरीदना पड़ता है और बेचना भी पड़ता है । इन्हीं की सफलताओं को दिखा कर इन्हीं को बता कर भारत में तमाम नेटवर्किंग क्वाईन आ गई है जब कि आप को और हमको सबको पता है कि नेटवर्किंग हमेशा सबसे पहले फाउंडर्स को अमीर बनाती हैं । बाईं चांस सुरुआती दौर के रीडर्स भी कुछ कमा लेते हैं , लेकिन डाऊन लाईन से कलंकित और आरोपित तो होना ही पड़ता है । तो हम फिर ऐसा क्यु करें ? हमें लोगों को वहीं चीज देनी चाहिए जिसे वो अपनी इच्छा से कर सकें , अपनी इच्छा से करने को कहें , अपनी इच्छा से सीखने को कहें और उसे मैं स्वयं इतना ट्रेंड कर सकूं कि मैं रहुं या न रहुं उसे मेरी कोई आवश्यकता न रह जाय ।
उसका फायदा उसके साथ उसका नुकसान भी उसके साथ उसे कोई शिक़ायत करने का मौका ही न रह जाए । बिल्कुल हर बात पारदर्शिता से भरी होनी चाहिए ।
जीवन में हमेशा हर सेक्टर में डाउनलाइन का काल तो आएगा ही और ऐसे में हमारे पास वक्त ही नहीं होता कि मैं अपने डाउनलाइन से मिल सकूं ।
हमारे बहाने को, हमें किसी और कंपनी में जुड़ जाने को , मेरा डाउनलाइन भी जानता है क्यों कि वो मेरे ही उपर आसृत है इस लिए उसका ध्यान हमेशा सिनिर पर रहता है , भले ही सिनियर डाउनलाइन को भूल जाएं ।
इसका बहुत बड़ा कारण यह है कि लोग लोगों को प्लान से ज्यादा अपनी बातों में लपेटते हैं ।
प्लान दिखाते समय प्लान सुनने वाले के चेहरे पर कई प्रकार के रंग आते जाते हैं । प्लान का पचहत्तर प्रतिशत हिस्सा समझ में ही नहीं आता और प्लानर बीच - बीच में पुछता रहता है कि यहां तक तो आप क्लीयर है , समझ में आ रहा है न तो आगे बढ़े ?
कोई सवाल हो तो पुछ लिजिएगा , सुनने वाले हां सर , ठीक है सर , समझ रहा हूं , पुछ लुंगा । कह कर खामोशी साध लेता है और चुपचाप प्लान को सुन्ता रहता है । प्लान खतम होने पर ऐसा लगता है कि जैसे कोई बहुत बड़ी मुसिबत सिर से टली और हम बाहर आए । उसके बाद क्या होता है , आप ने प्लान लोगों दिखाया होगा तो आप खुद जानते हैं ।
ज्वॉइन करने की एक डेट मिलती है किसी की ये डेट आती है तो किसी की कभी नहीं आती ।
बीस साल में कोई नेटवर्क ऐसा नहीं है कि जिसे मैंने जाना नहीं देखा नहीं अस्सी प्रतिशत को तो किया भी मगर परिणाम आप भी जानते हैं । नेटवर्करों से कुछ छुपा नहीं है ।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम पहले प्लानर बनते हैं और फिर प्लानर बनाते हैं यही सिस्टम लोगों को फ्लॉप करता है । जरुरत प्लानर बनने की नहीं है जरुरत सिस्टम को समझने कि है जैसा कि ऊपर मैंने बताया है कि हर तरह से एक्सपर्ट कर देना , प्लान तो अनपढ़ भी सुनता है और वह निचोड़ निकाल लेता है कि मुझे करना क्या है और इसमें करना है हि क्या ? 
लोगों को जोड़ना है और आज की डेट में सबसे बदनाम शब्द लोगों को जोड़ने जुड़ाने का है ।
हमें उपर उठना होगा लोगों को तकनीक सिखानी होगी आज कल सभी के पास एंड्रॉयड और आईओएस स्मार्टफोन है , उनको उन्हीं के मोबाईल पर सिखाया जाय ताकि वो खुद सब कुछ कर सकें और लोगों से भी करा सकें ।