Translate

रविवार, 26 जून 2022

छोड़ दे सारी दुनियां किसी के लिए

एक फिल्म देखा था , "मदर इंडिया " जिसमें नायक की पारिवारिक स्थिति दयनीय है।
नायक और नायिका यानी कि पति और पत्नी दोनों खेत की जुताई करते हैं। खेत जोतने के बीच एक बहुत वजन और बड़ा पत्थर का टुकड़ा पड़ा हुआ था , जिसे नायक ने स्वयं अकेले ही उसे अपने दोनों हाथों से ढकेल कर खेत से बाहर निकालने की कोशिश करता है । अचानक वह पत्थर का टुकड़ा ऊपर से नीचे की ओर सरक जाता है , जिसमें नायक का दोनों हाथ दब कर खराब हो जाता है।
अब उसकी जिंदगी बिना हाथ के न जीने के लायक रही और न मरने के।
एक रात वह उठा और अपने बीबी और बच्चों को देखा न जाने वह मोह माया और अपने लाचारी के सोचों के कितने हद तक पहुंच गया कि उसी रात चुपके से घर छोड़ कर गायब हो गया , उसके बाद से उसका पता पुरी फिल्म में कहीं नहीं चला।
इस घटनाक्रम को बताने कि जरुरत क्यों पड़ी मुझे ? 
 सिर्फ इस लिए कि जो लोग आत्म हत्या कर लेते हैं।
आत्म हत्या का मतलब क्या है ?
अपने ही हाथों द्वारा अपने जीवन लीला को समाप्त कर देना । सवाल के मुताबिक तो जवाब यही होगा।
लेकिन आत्म हत्या की जरुरत क्यों पड़ती है ?
इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं , आप खुद भी सोंच सकते हैं , जिसकी वजह से आत्म हत्या करने वाले के दिलोदिमाग में यह गुज जाता है कि अब आगे और जिवित रहने कि कोई आवश्यकता नहीं है।
अल्लाह (ईश्वर) न करे कि किसी के जिंदगी में ऐसा मोड़ आए।
यह जीवन है । इस जीवन में बहुत सारे मोड़ आते हैं , जिनको आप स्वयं ही मैनेज कर सकते हैं और आप को ही मैनेज करना भी पड़ता है फिर भी अगर ऐसे मोड़ पर आकर खड़े हो गए हों जहां मौत के सिवा कोई रास्ता न रह गया हो , तो भी आप को एक काम करना चाहिए ।
वह कौन सा काम है ? जिसे आत्महत्या के पहले करना चाहिए ।
यह सोचना चाहिए कि आप के मरने से कितने लोग कानूनी और मानसिक रुप से परेशान होंगे ।
यह अलग बात है कि आप सोसाईट नोट तैयार कर देंगे फिर भी लोगों को आप के न होने का दर्द तो रहेगा ही ।
वहां दर्द कम होता है जब आप अचानक गायब हो जाएंगे । जैसे ऊपर मैंने फिल्म का एक शाट दिखाया वहां भी वह मर सकता था लेकिन कैसे ? फंदा लगा नहीं सकता , ज़हर खा नहीं सकता क्यों कि उसके पास तो दोनों हाथ ही नहीं हैं , फिर भी वह दरिया में डूब सकता था । ट्रेन के आगे आ सकता था । मरने का रास्ता उसे मिल जाता मगर उसने आत्महत्या नहीं किया , फिर आप क्यों ?
आप भी वहां से गायब हो जाइए न , जहां आप अपनी जीवन लीला समाप्त करना चाहते हैं ।
दुनियां छोटी नहीं है । आप की सोचों से भी बड़ी है।
जाओ ......। 
ऐसी जगह चले जाओ कि जहां तुम्हारी आखरी सांस तक तुम्हारा कोई जानने वाला तुमसे न मिल पाए और न तो कभी जान पाए , क्यों कि तुम उन सभी के लिए मर चुके हो जो भी तुम्हें जानते हैं । 
वहां अपने जिंदगी की सुरुआत ऐसे करो कि जैसे तुमने एक नया जीवन पाया है ।
बस हो गई आत्महत्या । यही तो है आत्महत्या ।
इस जीवन को जिसने दिया है । उसी को समाप्त करने दो , खुद से समाप्त करने का तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है । खुद से समाप्त करने पर आत्म लोक में नहीं जाओगे बल्कि प्रेतलोक में चले जाओगे । 
अंत में बस इतना ही -
छोड़ दे सारी दुनियां किसी के लिए ।
मे मुनासिब नहीं जिंदगी के लिए ।।
लेख पसंद आये तो कमेंट जरुर करें , यदि कोई कमी महसूस हो तो सलाह जरुर दें ।