बचपन जाता है जवानी आती है
तब बचपन बहुत याद आता है ।
जवानी जाती है तो बुढापा आता है
तब जवानी बहुत याद आती है ।
लेकिन बुढ़ापे के बाद तो कुछ आता नहीं फिर भी
ये सभी लोग जानते हैं कि बुढापे में मौत आती है।
बचपन, जवानी के जाने के बाद वापस नहीं आता
इस लिए बुढापे में ये फिक्स हो जाता है कि अब बचना
नहीं है हर हाल में मरना ही है।
मगर मौत एक ऐसी घड़ी है कि वो बचपन, जवानी, बुढापा कुछ नहीं जानती कभी भी कहीं भी आ सकती है। इस लिए दुनियां से जाने के लिए हमेशा तैयार रहें।
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