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गुरुवार, 9 मई 2019

देश

जब भी कोई अपने देश से दूसरे देश में जाता है तो उसे
उसी देश से पहचाना जाता है जिस देश से वो आता है
इस लिए किसी देश को एक आदमी नहीं बनाता । देश को देश बनाने में सभी देश वासियों का सहयोग होता है ।

बुधवार, 8 मई 2019

समझ

किसी बात को कहना है तो उसे साफ साफ कह ढालो
आप को अपनी बात कहने की जरूरत है न कि समझाने की ।
कहने वाले से ज्यादा सुनने वाला समझता है ।

एक लाईन

जरुरी नहीं है कि किसी बात को कहने के लिए
लंबी चौड़ी भूमिका बनाई जाए ।
अपनी बात को एक लाईन में भी कहा जा सकता है ।

शुक्रवार, 3 मई 2019

शब्दों और वाक्यों

शब्दों और वाक्यों को सुरक्षित रखने के लिए कुल छव स्थान होते हैं ।

1- दिमाग ।

2- आंख ।

3- जुबान ।

4- दिल ।

5- कागज ।

6- रिकार्डिंग ।

दिमाग, आंख, जुबान, दिल, और रिकार्डिंग को जब लोग झुठला देते हैं तब कागजी लिखंत को पेश किया जाता है ।

भरा हुआ है

सबके अन्दर भरा हुआ है मगर कोई कहता नहीं ।
जब अन्दर से बाहर आता है तो कोई बर्दाश्त नहीं कर
पाता इसे कहते हैं गाली ।

बुधवार, 24 अप्रैल 2019

प्यार की भाषा

दुनियां में भाषाएं बहुत सी हैं लेकिन प्यार की भाषा तो सिर्फ एक ही है । जिसे आप जानते हैं यही पुरी दुनियां जानती है ।हर इंसान से मुहब्बत के साथ क्यों पेश आना चाहिए  ?
क्यों कि यह आप नहीं जानते इस दुनिया को बनाने वाला जानता है ।
पृथ्वी पर हर इंसान एक दूसरे के काम आने के लिए ही बनाया गया है, कौन कब किस तरह काम आए ये आप नहीं जानते ।
बस अपनी बारी का इंतज़ार करें न कि किसी का दिल दुखाएं  ।

मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

किस से कहें हम

किस से कहें हम  ।
कैसे रहें हम       ।।

ये दिल का है दर्द  ।
कैसे सहें हम      ।।

जिंदगी की आखिरी ।
मौत की नींद है      ।।

इससे भला अब     ।
कैसे डरें हम        ।

अगर काट दो मेरे  ।
किस्मत का लिक्खा ।।

तुम जो कहो वही  ।
फिर करें हम       ।।

जो भी कहे हो      ।
सब कुछ किया है  ।।
जावेद बोलो    ।
कितना मरें हम  ।।

फिलासफी

आज का ये दौर फिलासफी का नहीं
खिलाफती का है ।

सिरियस

जिन्दगी में आदमी सीरियस तब होता है, जब उसके जिन्दगी में कोई समस्या आती है ।
अगर हम अपने काम के प्रति सीरियस हो जाएं तो शायद कोई समस्या न आये ।

रिश्ते

इन्सान के उपर जैसा वक्त आता है, उसी हिसाब से रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं ।