जब भी कोई अपने देश से दूसरे देश में जाता है तो उसे
उसी देश से पहचाना जाता है जिस देश से वो आता है
इस लिए किसी देश को एक आदमी नहीं बनाता । देश को देश बनाने में सभी देश वासियों का सहयोग होता है ।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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गुरुवार, 9 मई 2019
देश
बुधवार, 8 मई 2019
समझ
किसी बात को कहना है तो उसे साफ साफ कह ढालो
आप को अपनी बात कहने की जरूरत है न कि समझाने की ।
कहने वाले से ज्यादा सुनने वाला समझता है ।
एक लाईन
जरुरी नहीं है कि किसी बात को कहने के लिए
लंबी चौड़ी भूमिका बनाई जाए ।
अपनी बात को एक लाईन में भी कहा जा सकता है ।
शुक्रवार, 3 मई 2019
शब्दों और वाक्यों
शब्दों और वाक्यों को सुरक्षित रखने के लिए कुल छव स्थान होते हैं ।
1- दिमाग ।
2- आंख ।
3- जुबान ।
4- दिल ।
5- कागज ।
6- रिकार्डिंग ।
दिमाग, आंख, जुबान, दिल, और रिकार्डिंग को जब लोग झुठला देते हैं तब कागजी लिखंत को पेश किया जाता है ।
भरा हुआ है
सबके अन्दर भरा हुआ है मगर कोई कहता नहीं ।
जब अन्दर से बाहर आता है तो कोई बर्दाश्त नहीं कर
पाता इसे कहते हैं गाली ।
बुधवार, 24 अप्रैल 2019
प्यार की भाषा
दुनियां में भाषाएं बहुत सी हैं लेकिन प्यार की भाषा तो सिर्फ एक ही है । जिसे आप जानते हैं यही पुरी दुनियां जानती है ।हर इंसान से मुहब्बत के साथ क्यों पेश आना चाहिए ?
क्यों कि यह आप नहीं जानते इस दुनिया को बनाने वाला जानता है ।
पृथ्वी पर हर इंसान एक दूसरे के काम आने के लिए ही बनाया गया है, कौन कब किस तरह काम आए ये आप नहीं जानते ।
बस अपनी बारी का इंतज़ार करें न कि किसी का दिल दुखाएं ।
मंगलवार, 23 अप्रैल 2019
किस से कहें हम
किस से कहें हम ।
कैसे रहें हम ।।
ये दिल का है दर्द ।
कैसे सहें हम ।।
जिंदगी की आखिरी ।
मौत की नींद है ।।
इससे भला अब ।
कैसे डरें हम ।
अगर काट दो मेरे ।
किस्मत का लिक्खा ।।
तुम जो कहो वही ।
फिर करें हम ।।
जो भी कहे हो ।
सब कुछ किया है ।।
जावेद बोलो ।
कितना मरें हम ।।
फिलासफी
आज का ये दौर फिलासफी का नहीं
खिलाफती का है ।
सिरियस
जिन्दगी में आदमी सीरियस तब होता है, जब उसके जिन्दगी में कोई समस्या आती है ।
अगर हम अपने काम के प्रति सीरियस हो जाएं तो शायद कोई समस्या न आये ।
रिश्ते
इन्सान के उपर जैसा वक्त आता है, उसी हिसाब से रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं ।