किस से कहें हम ।
कैसे रहें हम ।।
ये दिल का है दर्द ।
कैसे सहें हम ।।
जिंदगी की आखिरी ।
मौत की नींद है ।।
इससे भला अब ।
कैसे डरें हम ।
अगर काट दो मेरे ।
किस्मत का लिक्खा ।।
तुम जो कहो वही ।
फिर करें हम ।।
जो भी कहे हो ।
सब कुछ किया है ।।
जावेद बोलो ।
कितना मरें हम ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें