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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

संकट कालीन दौर

देश जब संकटकालीन दौर से गुजरता है तब प्रत्येक
देश वासियों की जरूरत पड़ती है इस संकट से उबारने
के लिए । जो जिस लायक होता है वो अपने अपने स्वविवेकानुसार काम करता है । जैसे -
देश के राजनीतिज्ञ , बिजनेस मैन , विचारक , वैज्ञानिक , लेखक , कलाकार , डाक्टर , मास्टर , कर्मचारी , अधिकारी मीडिया, सिनेमा, कवि, शायर, पढ़े लिखे , अनपढ, महिला पुरूष , नौजवान , विद्यार्थी वगैरह वगैरह ।
आज भारत देश कितनी समस्याओं से गुजर रहा है ।
1- कोरोना की महामारी
2- आर्थिक मंदी
3- भुखमरी 
4- फेंक न्यूज
5- धार्मिक भेदभाव 
6- धार्मिक राजनीति
    अगर वर्तमान सरकार चाहे तो ये सभी समस्याओं को 
     हल कर सकती है लेकिन सरकार को देश के प्रत्येक
     नागरिकों से सिर्फ़ दो सहायता मागी गयी है ।
1- महामारी पर विजय पाने के लिए जारी निर्देशों और
     गाईड़लाईनों का पालन करें ।
2- महामारी से निपटने के लिए जिससे जितना हो सके
    प्रधानमंत्री राहत कोश में आर्थिक सहयोग करें ।

    इन दोनों का पलन किया जारहा है ।
    इसके बावजूद जो समस्याएं हैं उनका निदान क्या है ।
   सभी वर्गों के लोग अपने अपने योग्यतानुसार काम  कर 
  रहे हैं भले एक वर्ग भूख से मर रहा है लेकिन मरते हुए
   भी निर्देशों का पलन कर रहा है ।
   लेकिन आप स्वयं विचार करें और देखें कि 
   राजनीतिज्ञ और मीडिया 
   इमानदारी पुर्वक अपना काम कर रहे हैं ।
   मुझे लगता है कि राजनीतिज्ञों के सहयोग से आज भारत
   का मीडिया जिस राह पर चल पड़ा है इसका अंजाम 
   संपूर्ण भारत को बहुत ही भयावह दौर से गुजरने पर 
   मजबूर कर देगा, जिसे पुनः कंट्रोल कर के अपने पहले
   जैसी स्थिति में ला पाना मुमकिन नहीं होगा। 
   ये कौन से भारत का निर्माण करना चाहते हैं ?
   पाश्चात्य काल के भारत का या
   आधुनिक काल के भारत का 
   जब कि भारत का आईना आज स्पष्ट देखा जा सकता है।

रविवार, 19 अप्रैल 2020

LOVE

Body heart and soul .
Everything and whole .
World is depending on 
The game of love. 

Naither I nor you. 
Why are, something do.
World is depending on
The game of love.

Yours thought and habbit. 
Just like a rabbit. 
God gives us gol.
Sprade and it troll.
World is depending on 
The game of love. 

Everything is making love.
Everything is wanting love.
World is depending on 
The game of love. 

Everything is left and die.
When the soul's go to fly.
World is depending on 
The game of love.

शनिवार, 18 अप्रैल 2020

तलाश

हम उसके लिये जीतना चाहते हैं जो 
मेरे अंदर अपनी जीत तलाश रहा है ।

मार्ग

जिनको लक्ष्य तक पहुंचाना होता है उनको हर पल 
हर क्षण हर परिस्थितियों से कुछ न कुछ सीखाते हुए 
गुजारना पड़ता है और जिन्हें लक्ष्य से भटकाना होता है
उन्हें लक्ष्य तो बताया जाता है मगर लक्ष्य से भटकाने 
वाले हर मार्ग को सत्य के रुप में पेश किया जाता है ।

जीत

जीत का दूसरा नाम है हासिल करना ।
जिस दिन से तुम्हारे अंदर जीत की लगन लग 
गयी उस दिन से तुम्हें कोई भी चीज डरा नहीं
सकती । 
जिस दिन तुम्हारे अंदर डर आ गया उस दिन 
से तुम्हें कोई जिता नहीं सकता ।

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

बुधवार, 15 अप्रैल 2020

अकाल

मेरा परिक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन न जाने 
क्यूँ कुछ ऐसे लच्छण दिख रहे हैं जैसे अकाल का
दौर शुरू हो चुका है। अकाल मृत्यु में भूख से मरने 
वालों की तादाद बढती ही जा रही है। 

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

आर्टिकल

ये मेरे ब्लॉग की पर्सनल वेबसाइट है। मेरे अन्तर आत्मा 
में जो विचार आते हैं या जिसे मैं देखता हूँ या जो मुझे 
सोंचने पर विवश करते हैं उसे मैं यहां लिखता हूं। 
इस ब्लॉग के किसी भी आर्टिकल का किसी भी धर्म 
समुदाय या व्यक्ति से कोई संबन्ध नहीं है सिर्फ़ और 
सिर्फ मेरी कल्पनाएं और विचार मात्र हैं और रहेंगे ।
आप यदि मेरे ब्लॉग को पढते हैं तो आप से गुज़ारिश 
है कि आप मुझे अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें जिससे मुझे 
हौसला मिलेगा और मुझे खुशी भी होगी। 
अगर आप मेरे ब्लॉग को फालो करते हैं तो मेरे ब्लॉग के
हर नये आर्टिकल का नोटिफिकेशन आप को मिल जाएगा। 

सोमवार, 13 अप्रैल 2020

हार

अपनेआप से हार जाना दुनियां से हार जाने के बराबर है
अपनेआप को जीत लेना दुनियां को जीत लेने के बराबर है । अपनी आत्मशक्ति को पहचानो और उसे निखारो ।

रविवार, 12 अप्रैल 2020

निवेदन

महिलाओं से निवेदन करता हूँ कि वे बिना जरूरी 
काम के अपने पति को बाहर न जाने दें। 
इस लाकडाऊन में पति की भरपूर सेवा करें और 
अपने जीवन को सार्थक बनाएं। 
प्रेमिकाओं से गुज़ारिश है कि कहीं भी अपने प्रेमी 
को बुलाने की कोशिश न करें ।
वरना इसके तीन परिणाम होंगे 
1- पति कोरोना से अपने ही घर को साफ कर देगा। 
2- प्रेमी प्रेमिका से दोनों के घर साफ होंगे। 
3- कोरोना से अगर बच गये तो लाठी की मार 
    जब जब पुरवाई चलेगी तब तब कोरोना की याद 
    सारी जि़दगी दिलाती रहेगी।