इसे बाप ही जानता है।
बाप क्या होता है ?
इसे औलाद ही जानता है ।
बाप का दर्द हो सकता है , कि औलाद कुछ देर के लिए न समझ सके , लेकिन
बाप के लिए औलाद का दर्द बहुत जानलेवा होता है । औलाद के दर्द के आगे बाप , अपने सारे दुःख दर्द भूल जाता है । लेकिन वो औलाद अपना दुःख दर्द किस से कहे ?
जिसका बाप अपनी औलाद के बचपन में ही दुनियां को छोड़ गया हो ।
मेरी दुनियां है तुझमें कहीं।
तेरे बिन मैं क्या कुछ भी नहीं।।
तुम गए ...................!
सब गया .................।।
कोई अपनी ही मिट्टी तले ।
दब गया ..................।
क्या करुं आप मेरे एहसास में जो इतना घुले हुए हैं कि आज तेईस साल में भी आप की एक एक बात आज भी याद है। ऐसा लगता है कि आप से मिले हुए तेईस साल नहीं बल्कि तेईस घंटे बीते हों न जाने किस वक्त आप के पुकारने की आवाज मेरे कानों से टकरा जाय............ ।
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