अगर साधु के घर में शैतान पैदा हो सकता है ,
तो
शैतान के घर में साधु भी पैदा हो सकता है ।
अमीर के घर में ग़रीब भी पैदा हो सकता है
और
ग़रीब के घर में अमीर भी पैदा हो सकता है ।
समय का यह चक्र है जो कभी रुकता नहीं अनवरत चलता ही रहता है ।
किसी को देख कर उसका जजमेंट मत करो वो जो कुछ भी है अपने नसीब से है और तुम जो हो तो तुम भी अपने नसीब से ही हो इस लिए जजमेंट हमेशा खुद की करो अपने अच्छाईयों और बुराईयों की क्यों कि यही तुम इस दुनियां से लेकर जाओगे और यही तुम अपने जानने वालों के लिए चर्चा के लिए छोड़ जाओगे ।
इस लिए हमेशा अच्छी यादें छोड़ कर जाने का प्रयास करना, ऐसा मत करना कि जब भी तुम्हारी बात आए तो गाली से शुरू हो और गाली पर खत्म हो ।
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