लेकिन हर महिला को ये उम्मीद करती है कि हर पुरुष उसके सुन्दरता की तारीफ करे ।
पुरुष के बिना महिला की जिंदगी कोई जिंदगी नहीं है फिर भी हर महिला के दिमाग में यह ग़लत फहमी कूट - कूट कर भरी हुई है कि उनके बिना पुरुष जी ही नहीं सकता , इन्हें यह भी लगता है कि हर पुरुष सिर्फ महिलाओं के अंग का प्यासा है ।
अगर चरित्रवान नहीं है तो एहसास का कोई मतलब नहीं , फिर भी उसके जीवन में पुरुष ही होता है चाहे तुम हो या कोई और हो ।
कभी कभी तो दोनों होते हैं घर में तुम और बाहर में वो । अब तुम्हीं बताओ कि अंगों का भूखा प्यासा सबसे ज्यादा कौन है महिला या पुरुष ?
किसी के उपर आरोप लगाना आवश्यक नहीं है बल्कि एहसास का होना आवश्यक है ।
अच्छे और साकारात्मक विचार का होना आवश्यक है । गंभीरता का होना आवश्यक है ।
संबंध मनमाने ढंग से बना लेना न तो कोई मतलब है और न तो हत्वपुर्ण यह तो अन्याय और पाप का रास्ता है जो कभी पीछा नहीं छोडता है ।
संबंध जो सामाजिक ढंग से सबकी सहमति से जोड़ा गया है यह महत्वपूर्ण है फिर आपस में ब्लेम और कमेंट कैसा अपने जीवन को आपस में अर्जेस्ट करो एक दूसरे को समझो और उस ईश्वर का शुक्रिया करो कि ईश्वर ने जो तुम्हें दिया है उसी में अपनी खुशियों को तलाशो , जीवन को शांत और खुशनुमा माहौल देकर जीना सीखो ।
तुम जो ढूंढ रहे हो वह बाहर कहीं कुछ नहीं है जो कुछ भी है वो सब तुम दोनों के अंदर ही है ।
तुम्हें कोई गर्लफ्रेंड बनाने की जरूरत नहीं है
तुम्हें कोई ब्वायफ़्रेंड बनाने की जरूरत नहीं है
तुम्हें कोई प्रेमी बनाने की जरूरत नहीं है
तुम्हें कोई प्रेमिका बनाने की जरूरत नहीं है
बस तुम्हारी सोच और नजरिए का कमाल है
अपनी सोच को बदलो , अपने नजरिए को बदलो
जो तुम्हारा पति है उसी में ब्वायफ़्रेंड और प्रेमी भी है बस नजरिए को बदल कर देखो ।
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