गीत , ग़ज़ल , कविता और उपन्यास क्या है , और किसे कहते हैं ?
अपने ख्यालों , अपने विचारों , और अपनी बातों को एक तारतम्यता में लय बद्ध तरीके से पेश करना , कहना , लिखना या सुनाना ही गीत ग़ज़ल और कविता कहलाती है ।
जिसमें लोकहित , समाजहीत , देशहित , प्रेम , वियोग , अंतरात्मा की आवाज , वृतांत , आदि इत्यादि समाहित होते हैं ।
नोट -
ऊपर दी गई जानकारी संक्षिप्त रुप में निचोड़ है ।
इसके अतिरिक्त अगर आप विस्तार पूर्वक व्याख्यान पढ़ना चाहते हैं , तो गीत , ग़ज़ल , कविता और उपन्यास पर अलग-अलग टापिकों की आप को मोटी - मोटी पुस्तकें मार्केट में और लाइब्रेरियों में मिलेंगी । मेरे समझ से उन पोथों को पढ़ने की आवश्यकता तब है । जब आप को उस तरह के बनने की जरुरत हो । तब आप को इन क्षेत्रों में पुर्ण रुप से ज्ञान प्राप्त करना जरुरी हो जाता है ।
उस के बाद जिस टापिक का आप ने पोथा पढ़ा है , उस प्रकार के गुरु के शिष्य बन जाईए और उनके समीप रह कर प्रेक्टिस करिये अपने द्वारा तैयार किये गये रचना की प्रतिलिपि गुरु से जांच कराएं ।
यह कार्य तब-तक करना है । जब-तक आप पुर्ण रुप से परिपक्व नहीं हो जाते हैं ।
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