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शनिवार, 15 जून 2019

बहुत गहरी उदासी है

बहुत गहरी उदासी है   ।
मुहब्बत आज प्यासी है ।।
मिले थे फूल जो ताज़ा   ।
वो बिस्तर आज बासी है ।।
बहोत गहरी,,,,,,,,,,,,,,,,,

एक वक्त साथ का        ।
एक वक्त याद का        ।।
सिमट रही है शाम भी   ।
उल्झन अच्छी-खासी है ।।
बहुत गहरी,,,,,,,,,,,,,,,,,

वो ऐसी रात गुजारी है    ।
कि जैसे उम्र गुजरी है    ।।
जो उतरी रूह में खुशबू  ।
अभी सांसों में जरा सी है ।।
बहुत गहरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कोई ख्वाहिश न बाकी थी ।
अभी तो रात आधी थी    ।।
कि जैसे फूल पे शबनम    ।
वो मुझपर बे लेबासी है     ।।
बहुत गहरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

एक पंखुडी गुलाब की  ।
एक पंखुडी जनाब की  ।।
होश में तब हम कहाँ थे ।
बिछड़ना लगती फांसी है ।।
बहोत गहरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

गुरुवार, 13 जून 2019

रत्न

कुछ रत्न ऐसे होते हैं जो समय के अनुसार कलर बदलते हैं, कलर बदलने वाले रत्न रत्नों में काफी कीमती होते हैं ठीक उसी तरह प्राणियों में मनुष्य भी
सारे प्राणियों में सबसे कीमती है ।
मनुष्य भी समय के अनुसार कलर बदलता है और जब
इसका कलर बदलता है तो जिस्म मुलायम हो जाता है
और रोम रोम यानी शरीर के सारे बाल सफेद हो जाते हैं ।

सोमवार, 3 जून 2019

विचारक हैं तो विचार कीजिये

विचारक  हैं  तो  विचार  कीजिये ।
पहले सारी दुनियां से प्यार कीजिये ।।

सब देश हैं अपने सब लोग हैं अपने ।
मत किसी निर्दोष पर वर कीजिये  ।।
मेरा तेरा कह के क्यों लड़ रहे हैं आप ।
हर किसी का स्वागत सत्कार कीजिये ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये  ।

मजबूर न हो कोई कुछ काम हो ऐसा  ।
कुछ ऐसी व्यवस्थाओं का विस्तार कीजिये ।।
भूख से जो सूख कर मुरझाये हैं चेहरे  ।
उनको भी कुछ मुस्कान और निखार दीजिए ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये  ।

इंसानियत का पाठ पढें और पढाईये  ।
मुफ्त में मत जिंदगी बेकार गवाईये  ।।
अगर खुदा की बात में अमल है आप का ।
तो सत्य से कभी भी मत इन्कार कीजिये ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये  ।

बदले की आग में न जलाना अपने आप को ।
चैन भरी नींद में सो जाना रात को ।।
अन्दाज़ अपने अपने सबके हैं अलग यहाँ ।।
पर आप इन्सानियत का तो प्रचार कीजिये ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये ।

शुक्रवार, 31 मई 2019

जनता

आखिर जनता अब और क्या करेगी ।
पार्टी भक्त बने जनता ।
धरना दे जनता ।
प्रदर्शन करे जनता ।
आन्दोलन करे जनता ।
लाठी खाये जनता ।
देश भक्ति करे जनता ।
राजनीत में अपनों से लड़कर
मनमुटाव करे जनता ।
महंगाई की मार सहे जनता ।
जात पात सहे जनता ।
एम,एल,ए चुने जनता ।
एम,पी, चुने जनता ।
सभी टैक्स चुकाये जनता ।
विदेशी कर्जा वसूला जाए जनता से ।
ई,वी,एम, मशीन जो गायब हुई
उसे भी ढूँढे जनता ।
बम धमाकों के शिकार बने जनता ।
हिन्दू-मुस्लिम के दंगों को सहे जनता ।
कानून का पालन करे जनता ।
संविधान की रक्षा करे जनता ।
भीड़ जुटाये जनता ।
रैली को सफल बनाये जनता ।
आखिर जनता को मिलता क्या है  ?
कोई राजनैतिक पार्टी या राजनेता तनख्वाह
देता है क्या  ?
उपर बैठे देश चलाने के ठेकेदारों का कोई कर्तव्य
नहीं है क्या  ?
सिर्फ इस्तेयालक बाजी करने के लिए पार्टी का रजिस्ट्रेशन करवा कर रास्ट्रीय लीडर बने हुए हैं  ?
हर बात पर जनता जवाब देगी ।
तो फिर रास्ट्रीय लीडर लोग क्या करेंगे और कब करेंगे ।
हर लोग बिक रहे हैं, सारा सिस्टम, सारा तंत्र बिक चुका है । अब जनता क्या करे, जनता के हाथ में न पावर है
और न तो पैसा सिर्फ एक भीड़ बन कर रह गई है जनता ।
अपने अच्छे दिन लाने के चक्कर में महंगाई से लेकर हर
मार झेल रही है और झेलती रहेगी ।
खुद को लुटता और देश को लुटता इसी खामोशी से
देखती रहेगी क्यों कि जनता रास्ट्रीय लीडरों पर उम्मीदें
लगाये हुए है और रास्ट्रीय लीडर जनता पर ।
अजीब विडंबना है जबकि जनता अपना फर्ज बखुबी
निभाती है आप अपना वादा और कर्तव्य तो पुरा करें ।

गुरुवार, 16 मई 2019

EVM

चुनाव आयोग को क्या कहा जाए आप खुद सोंच सकते
हैं 20 लाख EVM मशीनें गायब है इनके समझ में कुछ
नहीं आ रहा है कि कहाँ गयीं ।
ये चुनाव आयोग नहीं बल्कि अनोखा आयोग है
या फिर भरष्ट और विकाऊ आयोग है ।
EVM से अगर पीछा छुड़ाना है ।
EVM को अगर बंद करना है ।
तो EVM पर आप वोट करना बंद कर दें ।

बुधवार, 15 मई 2019

सुझाव

आप के द्वारा दिया गया सुझाव जरुरी नहीं है कि कामयाब कर दे कभी कभी ऐसा भी होता है कि
आप के द्वारा दिया गया एक छोटा सुझाव ही जिंदगी
बर्बाद भी कर सकता है ।
आप की नजर में आप का सुझाव सबसे अच्छा है
मगर यह जरुरी नहीं है कि सामने वाले के लिए भी हो ।

मंगलवार, 14 मई 2019

अच्छे दिन

भारत के नागरिक अपने जीवन में अच्छे दिन लाने
के लिए कुछ भी कर सकते हैं ।
यही वजह है कि एक राजनैतिक व्यक्ति ने भारत देश के नागरिकों के अच्छे दिन लाने के झूठे वादे कर के
देश का प्रधान मंत्री बन बैठा ।

सोमवार, 13 मई 2019

डर

जिस चीज से मानव डरता है उस डर को पूरे मानव
बिरादरी में फैलाता है, सोते, जागते, हर पल , सारी जिंदगी इस डर के अलाप को मंत्र और किसी पुन्य
काम कि तरह अलापता रहता है ।
हमारा भारत देश इस वक्त मुसलमानों से बहुत डरा
हुआ है । हर जगह सिर्फ इन्हीं कि चर्चा, चाहे राजनैतिक मंच हो या धार्मिक कार्यक्रम ।
देश के धार्मिक माहौल को बिगाड़ने से चंद लोगों का
फायदा तो होगा ही मगर इसके पीछे देश सैकडों साल
पिछे चला जाएगा ।

शनिवार, 11 मई 2019

अजनबी

गरीब से गरीब आदमी के परिवार में भी जब कोई भाई
या लडका कुछ करने की बात करता है तो उसके लिए
ऐसे रास्ते निकाले जाते हैं जिससे उसके खानदान या परिवार के द्वारा किये गए कार्यों की पुनरावृत्ति न हो बल्कि एक नया डेवलपमेंट हो ।
भारत देश के मुखिया को शायद यह पता नहीं कि यह
देश हमारा एक परिवार है और हम अपने परिवार के पढे लिखे लोगों को नये नये डेवलपमेंट कि ओर ले जाने
से बेहतर पकौडे तलवाना पसंद करते हैं ।
निहायत ही शर्म के अलावा तकललीफदे बात है ये ।
मुखिया के इस विचार से यह पता चलता है कि वे देश
और देश के नागरिक के अलावा कुछ और सोंच रहे हैं ।
देश उनके लिए अजनबी और नागरिक पराये हैं ।

फाइनेंस

भारत देश का पैसा लेकर विदेश भागने वालों का फाइनेंस हो सकता है मगर बेरोजगार अपना कोई रोजगार कर सके इसके लिए उसे फाइनेंस नहीं मिलता ।