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मंगलवार, 12 नवंबर 2019

मुझ से छुप कर

मुझसे छुप कर के कोई आके गुजर जाता है ।
जाने क्यों जान कर वो दिल मेरा तड़पाता है ।

क्यों तड़पता है किसी और की चाहत में वो ।
मुझको तड़पा के भला कैसी खुशी पाता है ।

मन के मन्दिर में जो तस्वीर नज़र आता है ।
मैने चाहा है सनम दिल का तुमसे नाता है

तेरी गलियों से गुजर कर के भी खामोश हैं हम ।
बेवफा तेरा ही गंम हर वक्त मुझे खाता है ।

तुमको जावेद कभी भुल नहीं पाएगा ।
एक तू ही है जो दिल को मेरे भाता है ।
       

शनिवार, 9 नवंबर 2019

दिल से चाहा

जिसने हमेशा हमको दिल से चाहा
वही आज हमको भुलाने लगा है ।

मोहब्बत का सौदा खुद कर रहा है।
किसी और का गीत गाने लगा है ।

जमाने से भी कोई सिक्वा नहीं है।
वो खुद रंग अपने दिखाने लगा है ।

हमें दुसमनों की जरूरत ही क्या है।
जो अपना था वो ही जलाने लगा है

हमें जख्म अपनो ने ईतने दीये हैं।
दर्द भी दर्द से मुंह छुपाने लगा है ।

वफा का सिला बेवफाई से दे कर।
मुहब्बत को दिल से मिटाने लगा है ।

मुझको पता है वो बदला है जावेद।
कि झुठी कसम मेरी खाने लगा है

       

तूफान ए गोरी

मारी मुस्की मचावेलु तुफान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
सपना तुहार आवे राती के जगावेला ।
सारी सारी रात हमके नींद नाहीं आवेला ।।

मोरा तुहरे में बसेला। परान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
काम करीं कहीं मन तुहरे पे अटके ।
मन नाहीं लागे दिल तुहरे से हटके ।।

तूँ त जान सब भईलु अन जान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
असरा तुहार बाटे सरधा पुरा द।
कईसे मनाईं मन के एतना बता द ।।

कईले बानी तुंहसे प्यार के एलान गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
र ह तइयार सजनी डोली लेके आइब ।
आपन दुलहिनियां हम तुँहके बनाइब ।।
      

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

सोमवार, 4 नवंबर 2019

हम उस देश के वासी हैं

हम  उस  देश  के  वासी  हैं   ।
जहां इंसान को बेचा जाता है ।।
पांच रुपये के ख़ातिर भी  ।
ईमान को बेचा जाता है  ।।

जात धर्म और लिंग भेद में ।
नफ़रत  की  दीवारें  हैं     ।।
सत्ता की कुर्सी के ख़ातिर  ।
जान  को  बेचा  जाता है  ।।

किसने कैसे देश चलाया  ।
किसने कैसे देश बचाया  ।।
उनको याद दिला कर के  ।
पहचान को बेचा जाता है ।।

तुम  जो  हो, खुद  में  हो   ।
मुझको तुमसे क्या मतलब ।।
अपना कह कर के ही  तो  ।
सम्मान को बेचा जाता है  ।।

अंध विश्वास कि माया है  ।
पाखंड देश पर छाया है   ।।
रातो रात अमीर बना दे जो ।
भगवान को भी बेचा जाता है ।।

शनिवार, 2 नवंबर 2019

झूठ और सच

सच्चाई कहीं रक्खी हुई नहीं है कि आप उसे खरीद लें।
सच्चाई तो सिर्फ आप के दिल में है।
झूठ को कहीं से सीखने की जरुरत नहीं पड़ती,
तुम्हारी जरूरतें सिखा देती हैं।
तुम्हारी जरूरतों ने झूठ को इतना बढा दिया है कि
अब हर पल तुम्हारी जिंदगी झूठ के बल पर ही कट रही है। यही वजह है कि सच के एक भी अल्फाज तुम्हारे
जुबान पर आने में अपराध जैसा लगता है।

शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

झूठों की मन्डी

दुनियां जबसे कायम हुई है तभी से झूठ को धरती पर फैलाया जा रहा है। आज हालात ये है कि झूठों की बड़ी
बड़ी मन्डीयां कायम की गई हैं।
जैसे - सुप्रीम कोर्ट
        हाई कोर्ट
      कलेक्टरी कचहरी
      दीवानी कचहरी
      तहसील
      ब्लाक
तथा अन्य जिसे आप समझ सकते हैं।
एक बार मुझे हाई कोर्ट इलाहाबाद जाना पड़ा।
दूसरी मंजिल से नीचे जब मैने अपनी नजर को
दौड़ाया तो हर तरफ काली कोट वालों की भीड़
सड़क से लेकर कोर्ट के बाउंडरी और छत सब कुछ
खचाखच भरा हुआ था।
ऐसा लगा जैसे समस्त भारत के गिद्ध और कौवे यहीं
इकट्ठे हो गये हैं।
जिस जिस प्रकार की डीलिंग सुना और देखा उससे
ये समझ आया कि अगर जज की कुर्सी पर साछात
ईश्वर आकर बैठते तो मरने वालों की तारीखें डाल डाल
कर उसे ज़िंदा कर दिया जाता। किसी को कभी मरने ही
नहीं दिया जाता।

रविवार, 20 अक्तूबर 2019

लेना और देना

देने वाला ( दानी) कभी लेने के बारे में नहीं सोंचता।
लेने वाला कभी देने के बारे में नहीं सोंचता ।
लेने वाले को जब देना पड़ता है तो ऐसा लगता है कि
जैसे जान ही निकल जाएगी मगर देने वाला जब लेना
चाहता है तो ऐसे सब ले लेता है जैसे उसे कुछ पता नहीं
कि कब कैसे मैं कंगाल हो गया कुछ पता ही नहीं चला।

बुधवार, 19 जून 2019

बेरोजगारी

कुछ डाक्टरों की फीस सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस डेढ सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस दो सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस ढाई सौ रुपये ।
इस तरह आठ सौ रुपये तक है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी दो सौ रुपये है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी ढाई सौ रुपये है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी तीन सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी चार सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी पांच सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी छव सौ रुपये है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह बारह सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह पन्द्रह सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह दो हजार है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह पचीस सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह तीन हजार है ।
मगर इसमें बहुत बड़ी विडंबना और दुख की बात तो
ये है कि किसी भी अध्यापकों को जून की तनख्वाह
नहीं मिलती है । ये सारी पड़ताल देहाती इलाकों के हैं ।
साथ ही सभी फीस, दिहाड़ी ( मजदूरी ) और तनख्वाह
वाले लोग प्राइवेट सेक्टर से हैं ।
इन समस्याओं का समाधान अगर कोई हो तो सुझाव
और कमेंट्स में जरूर बताएं ।

सोमवार, 17 जून 2019

यूट्यूब विडियो

यूट्यूब पर चैनल बनाना, फिर विडियो बनाकर अपलोड
करना ज्यादा तर लोगों की मानसिकता बन गयी है ।
ऐसा लगता है कि जैसे करोड़पति बनने की एक होंड़ सी लगी हुई है ।इससे आसान और इससे सस्ता कोई
बिजनेस ही नहीं रह गया है जिसे देखिये यूट्यूबर बनना चाहता है ।कोई बात नहीं है अपने टैलेन्ट को जनता के
सामने रखने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है ।
आप कैसी विडियो देखना चाहते हैं इस मानसिकता के
तहत सामने वाले के मानसिकता का ख्याल करें ।
पांच मिनट की विडियो में डेढ़ मिनट तो विडियो को
लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें में चला जाता है ।
अरे भाई आप का विडियो यूट्यूब पर चल रहा है अगर
अच्छा है लोगों को पसंद आएगा तो खुद ही लाइक और सब्सक्राइब करेंगे अपने मुंह मियाँ मिट्ठू क्यों बन रहें हैं । सचमुच ये अच्छा नहीं लगता भले आप को लगता हो
अगर आप के विडियो के मैटर में दम है ।
अगर आप की विडियो किसी को अच्छा इंटरटेनमेंट करती है या आप के विडियो के जानकारी के अनुसार
किसी का मकसद हल होता हो या किसी का भला होता हो तो वो खुद ब खुद आप के चैनल को लाइक और सब्सक्राइब कर लेगा इस लिए खुद को पहले इस लायक बनायें ।
दूसरी बात कुछ लोग फेंक हैडिंग डालकर विडियो दिखाते हैं जब कि हैडिंग के अनुसार कुछ भी नहीं होता
तीसरी बात कुछ लोग टिप्स और टिरिक्स, की भी
जानकारी देते हैं मगर विडियो अन्त तक दिखा कर
अगली विडियो देखने की बात करते हैं ।
कुछ लोग यह कहते हैं कि विडियो लंबी हो जाने के
कारण बाकी चीजें अगली विडियो में समझें ।
अरे यार एक बात बताने के लिए दस विडियो बनाएंगे
आप कि दी हुई जानकारी अगर सही है तो एक मैटर को चार या पांच विडियो में खिचने कि जरूरत नहीं है
उस पुरे मैटर को विस्तार पुर्वक एक ही विडियो में बताने की कोशिश करें भले ही आप कि विडियो एक घंटे कि क्यों न हो जाए ।
जबतक किसी चीज की पुरी जानकारी न हो जाए तब
तक बे वजह अपने विडियो में किसी का समय न बर्बाद
करें ।
आजकल हर आदमी अनलाइन पैसा कमवा रहा है
जब कि यह भी सोचना चाहिए कि इसका नकारात्मक
प्रभाव क्या होगा ।
एक बार तो विडियो देखीजाएगी मगर फिर क्या होगा
यही वजह है कि एक दिन यूट्यूब से लोगों का मोहभंग
हो जाएगा और लोग इसे फेंक विडियो हब के नाम से
जानेगे ।
अब तो बहुत सी सोशल साइट्स आ रही हैं लोग अपनी
जरूरतें अन्य साइटों पर तलाश लेंगे ।
इस लिए मैं यूट्यूबरों से यही कहना कहूंगा कि अपने विडियो या अपने अधुरे नालेज के बल पर पैसा कमाने
कि लालच में किसी के भावनाओ से खिलवाड़ न करें ।