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मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

आर्टिकल

ये मेरे ब्लॉग की पर्सनल वेबसाइट है। मेरे अन्तर आत्मा 
में जो विचार आते हैं या जिसे मैं देखता हूँ या जो मुझे 
सोंचने पर विवश करते हैं उसे मैं यहां लिखता हूं। 
इस ब्लॉग के किसी भी आर्टिकल का किसी भी धर्म 
समुदाय या व्यक्ति से कोई संबन्ध नहीं है सिर्फ़ और 
सिर्फ मेरी कल्पनाएं और विचार मात्र हैं और रहेंगे ।
आप यदि मेरे ब्लॉग को पढते हैं तो आप से गुज़ारिश 
है कि आप मुझे अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें जिससे मुझे 
हौसला मिलेगा और मुझे खुशी भी होगी। 
अगर आप मेरे ब्लॉग को फालो करते हैं तो मेरे ब्लॉग के
हर नये आर्टिकल का नोटिफिकेशन आप को मिल जाएगा। 

सोमवार, 13 अप्रैल 2020

हार

अपनेआप से हार जाना दुनियां से हार जाने के बराबर है
अपनेआप को जीत लेना दुनियां को जीत लेने के बराबर है । अपनी आत्मशक्ति को पहचानो और उसे निखारो ।

रविवार, 12 अप्रैल 2020

निवेदन

महिलाओं से निवेदन करता हूँ कि वे बिना जरूरी 
काम के अपने पति को बाहर न जाने दें। 
इस लाकडाऊन में पति की भरपूर सेवा करें और 
अपने जीवन को सार्थक बनाएं। 
प्रेमिकाओं से गुज़ारिश है कि कहीं भी अपने प्रेमी 
को बुलाने की कोशिश न करें ।
वरना इसके तीन परिणाम होंगे 
1- पति कोरोना से अपने ही घर को साफ कर देगा। 
2- प्रेमी प्रेमिका से दोनों के घर साफ होंगे। 
3- कोरोना से अगर बच गये तो लाठी की मार 
    जब जब पुरवाई चलेगी तब तब कोरोना की याद 
    सारी जि़दगी दिलाती रहेगी। 

शनिवार, 11 अप्रैल 2020

भूख

जब मुझे भूख लगती है तो खाने के सिवा कुछ नहीं 
सुझता ऐसे में मै आदमी को भी चबा कर अपना 
पेट भर सकता हूँ। 

राहत

कोरोना के कारण हुए लकड़ाउन से 
उनके लिए बहुत बड़ी राहत हुई है ।
जो अपनी प्रेमिका और 
जो अपनी पत्नी के शापिंग से परेशान थे। 

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

गरीब

मुझे नहीं मालूम कि तुम कितने अमीर हो लेकिन 
इतना जरूर जानता हूँ कि जो भी हो अपने लिए हो 
किसी मजबूर, जरुरत मंद गरीब के लिए नहीं। 

गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

डर

जब कोई किसी से डरता है। 
जब कोई किसी से नफरत करता है। 
जब कोई किसी को नीचा दिखाना 
चाहता है। उस वक़्त उसे ये समझ में नहीं आता कि 
मैं जो कुछ भी कर रहा हूँ वो हमारा कौन है और इसका 
असर क्या होगा। चाहे वो घर का हो, पड़ोस का हो, गांव
का हो या देश का हो । हम नहीं सुनना चाहते फिर भी 
सुनाया जाता है। यही हाल है हमारे देश का। 
आज मेरी उम्र तीस बत्तीस की हो रही है मैने जबसे 
होश संभाला है तब से मुस्लिमों के खिलाफ नफरत 
भरी बातों को ही सुन्ता आ रहा हूं। 
मीडिया से लेकर राजनीतिज्ञों तक ।
बिजनेस से लेकर आम आवाम तक। 
जबतक चौबीस घंटे में दस घंटा नफरत की आग न उगल
लें तबतक न खाना हजम होता है। न चैन मिलता है। न 
राहत की सांस आती है। एक टोटका सा हो गया है। 
जैसे अमल पड़ गया हो जब तक बुराई न हो लगता है कुछ खो गया है। 
दुनियां में जितने भी मुल्क हैं शायद ही किसी व्यक्ति को 
सभी मूल्यों के नाम याद हों लेकिन जन जन को पाकिस्तान का नाम याद है। भारत में मुसलमान और दुनियां में पाकिस्तान का नाम तो कभी मरते दम तक नहीं भूल सकते क्यों कि राम नाम के जाप की जगह पाकिस्तान और मुसलमान का जाप किया जाता है। 
न ईश्वर से डर न भगवान की आवश्यकता। 
जिसकी आवश्यकता है जिसका डर है उसका जाप 
उसकी चर्चा में पूरा भारत लगा हुआ है ।
जाप टूटने न पाये  , कोई भूलने न पाये , नित निरंतर 
अनवरत  , धारा प्रवाह बने रहने के लिए नये नये फार्मूले 
और एजेन्डे प्रसारित किये जाते हैं। लोगों में फैलाये भी 
जाते हैं। हमारा परम कर्तव्य, परम धर्म क्या है  ?
भारत देश में मुसलमान। 
दुनियां में पाकिस्तान। 
अगर इन दोनों नामों का जाप रुका तो ब्रह्मा भी तुम्हें 
माफ नहीं करेंगे तुम्हारा जीवन गौ हत्या के पाप की 
तरह हो जाएगा इस लिए लगे रहो। 
मुसलमान और पाकिस्तान की माला जपना तुम्हारे भाज्ञ 
में लिख दिया गया है इस डर से तुम कभी आजाद नहीं 
हो सकते अगर होना चाहोगे तो किसी प्रकार के लिंचिग 
के माध्यम से तुम्हें खत्म कर दिया जाएगा और मुसलमान 
के नाम की माला पहना दिया जाएगा जिसे तुम्हारे 
खानदान में सात पुस्तों तक जपा जाएगा। 

मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

जिद

मामला यह नहीं है कि तुमने मुझे चाहा या नहीं। मामला ये है कि मैने तुम्हें चाहा है। इस लिए दुनियां से तुम्हें छीन लेने कि जिद और जुनून है मेरे अंदर।

निशाना

बीमारी कहीं और है ।
निशाना कहीं और है ।
अगर निशाना कहीं और न होता तो बिमारी 
हिन्दू  , मुस्लिम का रूप न लेता। 
कनिका को चौथे स्टेज में भी पाजेटिव पाया 
गया था। इसपर भी कनिका ठीक हो गई। 
जिस दवा से ये ठीक हुई हैं उस दवा को पुरी दुनियां 
में फैलाया जाय ताकी जो अभी दवा का रिसर्च कर 
रहे हैं उनका टाईम वेस्ट न हो। 
एक सौ पैंतीस करोड़ जनसंख्या वाले भारत देश में 
अबतक 4500 साढे चार हजार लोग कोरोना पाजेटिव 
पाए गये हैं। अब आप जरा परसेंटेज निकाल कर देखें
कि भारत में कितना परसेंट कोरोना अपना पैर फैला 
पाया है। इस हिसाब से कोई परसेंट ही नहीं निकलता 
कनिका का ठीक होना यह साबित करता है कि कोई
इस बिमारी से भारत में नहीं मर सकता। 
जब कि ये विदेश से होकर आई थी। 
अगर कोई पेसेन्ट मिलता है तो उसे अलग कर के सेफ
कर दिया जाए और कनिका वाला इलाज किया जाए। 
बाकी जो एरिया या जिला सेफ है उन्हें अपने जिले में 
अपने एरिये में आजाद कर दिया जाय साथ ही इस बात 
का सख्ती से इन्तजाम किया जाय कि इन एरियों और 
जिलों में दूसरे जिले या एरियों के लोग प्रवेश न कर सकें। 

रविवार, 5 अप्रैल 2020

समाज

जो सुबह घर छोड़ते थे और रात में नौ दस बजे
घर वापस आते थे  ।
आज उनका एक एक दिन एक एक साल जैसा 
गुजर रहा है  ।
बारहवीं में पढा था मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है
आज समझ में आया कि समाज से दूर होकर जीना
कितना मुश्किल होता है  ।