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मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

निशाना

बीमारी कहीं और है ।
निशाना कहीं और है ।
अगर निशाना कहीं और न होता तो बिमारी 
हिन्दू  , मुस्लिम का रूप न लेता। 
कनिका को चौथे स्टेज में भी पाजेटिव पाया 
गया था। इसपर भी कनिका ठीक हो गई। 
जिस दवा से ये ठीक हुई हैं उस दवा को पुरी दुनियां 
में फैलाया जाय ताकी जो अभी दवा का रिसर्च कर 
रहे हैं उनका टाईम वेस्ट न हो। 
एक सौ पैंतीस करोड़ जनसंख्या वाले भारत देश में 
अबतक 4500 साढे चार हजार लोग कोरोना पाजेटिव 
पाए गये हैं। अब आप जरा परसेंटेज निकाल कर देखें
कि भारत में कितना परसेंट कोरोना अपना पैर फैला 
पाया है। इस हिसाब से कोई परसेंट ही नहीं निकलता 
कनिका का ठीक होना यह साबित करता है कि कोई
इस बिमारी से भारत में नहीं मर सकता। 
जब कि ये विदेश से होकर आई थी। 
अगर कोई पेसेन्ट मिलता है तो उसे अलग कर के सेफ
कर दिया जाए और कनिका वाला इलाज किया जाए। 
बाकी जो एरिया या जिला सेफ है उन्हें अपने जिले में 
अपने एरिये में आजाद कर दिया जाय साथ ही इस बात 
का सख्ती से इन्तजाम किया जाय कि इन एरियों और 
जिलों में दूसरे जिले या एरियों के लोग प्रवेश न कर सकें। 

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