Translate

रविवार, 5 अप्रैल 2020

समाज

जो सुबह घर छोड़ते थे और रात में नौ दस बजे
घर वापस आते थे  ।
आज उनका एक एक दिन एक एक साल जैसा 
गुजर रहा है  ।
बारहवीं में पढा था मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है
आज समझ में आया कि समाज से दूर होकर जीना
कितना मुश्किल होता है  ।

कोई टिप्पणी नहीं: