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मंगलवार, 10 नवंबर 2020

सबसे बड़ा भिखारी कौन है ?

क्या ऐसा नहीं लगता कि भारत की एक चौथाई जनसंख्या घरों में न रह कर बल्कि रोड पर जिंदगी गुजारती है ।
क्यों कि इनके पास घर है ही नहीं ।
मंदिर के सामने, मस्जिद के सामने , रेलवे स्टेशन , बस स्टैण्ड और सबसे ज्यादा संख्या सड़क के किनारे पटरी पर बचपन से जवानी और बुढापा भी गुज़र जाता है । जीना भी यहीं और मरना भी यहीं। 
पता नहीं इनके पास वोटर आईडी राशन कार्ड वगैरह है भी या नहीं । ऐसे लोग आते कहां से हैं ?
1- कुछ कचरे के डब्बे में डाल दिये गये ।
2- कुछ को जान बुझ कर छोड़ दिया गया ।
3- कुछ सच मुच गायब हो गये ।
4- कुछ वैध हैं कुछ अवैध हैं ।
कुछ ने सड़क के किनारे ही प्लास्टिक से घेर लिया है ।
80% लोग आज भी वैसे ही पड़े हैं ।
क्या सारी योजनाएं सिर्फ उन्हीं के लिए हैं जिनके पास सब कुछ है ? सभी लोगों की सोंच भी उन्हीं के लिए हैं जिनके पास सब कुछ है ? इनके लिए भी तो कुछ योजनाएं होना चाहिए , अगर आवास और कालोनी नहीं है तो कम से कम निशुल्क शराय तो हो आखिर ये लोग भी तो भारत के ही नागरिक हैं । ये लोग नर्क की जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं या इसी तरह जीने के लिए छोड़ दिया गया है ?
जब की ये लोग आत्मनिर्भर सुरु से ही हैं चाहे भीख मांग कर खाएं या कचड़ा बीन कर उसे बेच कर ।
जब जो चाहे अपने अमीरी के नशे में रौंद कर चला जाय ।
रात में हल्के का सिपाही भी डेली पैसे वसुलता है । अब इन दोनों में सबसे बड़ा भिखारी कौन है ?

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