दिल तोड़ के जाना था तो आये ही नहीं होते ।
मुह मोड़ के जाना था तो आये ही नहीं होते ।।
राहें हैं बहुत उल्झी मंजिल का निशां गुम है ।
कश्ती है तलातुम में साहिल का निशान गुम है ।।
यूं छोड़ा के जाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था .............................।।
जो प्यार के राही हैं दुनियां से नहीं डरते ।
अंजाम हो जैसा भी परवाह नहीं करते।।
गर ख़ौफे़ जमाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था ...........................।।
हमने तो ये समझा था तुम फूल बिछाओगे ।
हर हाल में हर वादा तुम अपना निभाओगे ।।
कांटा ही चुभाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था ..........................।।
जावेद की ये आदत है हर हाल में खुश रहना ।
हंस हंस के ज़माने का हर जुल्मों सितम सहना ।।
मुझको ही रुलाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था ...............................।।
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