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सोमवार, 30 अगस्त 2021

पैसे का लेन-देन कैसे करें

पैसे का लेन-देन इंसान की सकल सूरत देख कर और उसके रहन - सहन को सुन कर नहीं करना चाहिए , क्यों कि आप को उसके पीछे के असलियत का क्या पता  ? 

अच्छे लिबास या लच्छेदार बातों से किसी के किरदार साबित नहीं होते ।
पैसे का लेन-देन जिसके साथ करना है , उसकी खुद की  हैसियत और उसके खुद के कारोबार के अनुसार किया जाना चाहिए , जिससे अगर उसका कारोबार ढंफ हो जाय तो वो अपने हैसियत के अनुसार अपनी नीजी एवं चल - अचल  संपत्ति को इधर - उधर कर के आप के पैसे को वापस कर सकने की क्षमता रखता हो ।
यह बात इस लिए कह रहा हूं  कि जो लोग कुछ कर रहे हैं , वे लोग अपने छोटे या बड़े कारोबार में रमें हुए हैं । उनके पास स्वयं का एक तजुर्बा है । इसके बावजूद हर कारोबारी को अकस्मात किसी न किसी से अक्सर लेन - देन करना पड़ जाता है ।
लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं , जो अपने दिमाग में कारोबार की पुरी रुपरेखा तैयार कर लेते हैं , लेकिन न तो धरातल पर उस करोबार को कभी किया है । न तो इस करोबार को करने वाले के साथ कभी रहे हैं  , और न तो कोई इसका अनुभव रहता है । ऐसे में इसे एक रिसर्च ही कहा जा सकता है ।
अगर निकल पड़ा तो फिर क्या पूछना ?
फिर तो चांदी ही चांदी , आगे चल कर सोना भी हो सकता है । 
लेकिन अगर डम्फ हुआ तो ?
उसकी सोंच , के अनुसार, उसका प्रेक्टिकल तो हो जाएगा लेकिन ,
आप के लागत की वापसी का क्या होगा ?
एक पुरानी कहावत याद आती है कि ,
हम तो डूबेंगे सनम ।
तुमको भी ले डूबेंगे ।।
मेरे कहने का मतलब आप समझ गए होंगे । इस लिए आप इस डूबने और डुबाने के चक्कर में न पड़ें तो ही अच्छा है ।
अगर आप के पास एक्स्ट्रा पैसा है , तो थोड़े पैसे से खुद कोई कारोबार कर के स्वयं प्रेक्टिकल करें जिससे आप को स्वयं में बहुत बड़ा अनुभव होगा । जो आप का नीजी प्रेक्टिकल कहलाएगा ।
इस बात का आप को कभी दुःख भी नहीं होगा कि मेरा ज्यादा पैसा किसी ने डुबा दिया और मैं कंगाल हो गया ।
नोंट - 
आप कितने धनवान हैं , इसकी कभी शो बाज़ी न करें ।
उपर बताए गए बातों के अनुसार काम करें ।
अगर आप के पास इतना पैसा हो कि लाख - पचास हजार डूब जाए तो भी कोई परवाह नहीं , तो इतने ही पैसे मैं लगा सकता हूं यह जरुर बताएं जिससे सामने वाले पार्टनर को जितना कम पड़ रहा है । उसकी वो व्यवस्था करेगा  । आप अपनी पुरी जमा पूंजी लगाने की जिम्मेदारी कभी न लें ।
अगर स्वयं ही कोई कारोबार करना हो तो भी अपनी पुरी जमा पूंजी से न करें , पहले थोड़े से करें और उसका रिजल्ट देखे फिर उसे आवश्यकता के अनुसार आगे बढ़ाएं ।
बहुत सारे कारोबार ऐसे भी हैं , जो ज्यादा पुंजी से ही होते हैं ।
यह ज्यादा पुंजी वाला कारोबार किसी का देख कर करने से पहले , आप ऐसे कारोबारी के साथ उनका हाथ बंटाने के तौर पर लग कर , या उनके कारोबार में काम करने के तौर पर लग कर सीखें और समझें । जिससे आप के मन में कोई संशय नहीं रह जाएगा । आप नये हैं इसका भी डर नहीं होगा ।
काम सीखना कोई बुरी बात नहीं है । जैसे भी सीखें मगर सीखना चाहिए ।

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