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शनिवार, 11 मई 2019

नागरिक

भारत देश का नागरिक होने के कारण हर पहलू पर
गहराई से मंथन करने के बाद एक भय सा लगने लगता है, पाता नहीं क्यों पिछले एक साल से मुझे ऐसा लगता है कि कहीं 2019 में पुनः सरकार बनाने से पहले भारत
देश के कई टुकड़ों में विभाजित हो जाने की खबर न आ जाये ।
जैसे सोवियत संघ रातों रात सात टुकड़ों में बट चुका था
यह खबर सुबह लोगों ने समाचार पत्रों से जाना ।

गुरुवार, 9 मई 2019

सहमत

सुप्रीम कोर्ट के पुर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कन्डे काट्जू जी
के विचारों से मैं पूरी तरह से सहमत हूं ।
अब ये बात अलग है कि उनके द्वारा कही गयी कड़वी सच्चाई को देश या देश के नागरिक कबूल न कर पावें तो क्या किया जाए ।

देश

जब भी कोई अपने देश से दूसरे देश में जाता है तो उसे
उसी देश से पहचाना जाता है जिस देश से वो आता है
इस लिए किसी देश को एक आदमी नहीं बनाता । देश को देश बनाने में सभी देश वासियों का सहयोग होता है ।

बुधवार, 8 मई 2019

समझ

किसी बात को कहना है तो उसे साफ साफ कह ढालो
आप को अपनी बात कहने की जरूरत है न कि समझाने की ।
कहने वाले से ज्यादा सुनने वाला समझता है ।

एक लाईन

जरुरी नहीं है कि किसी बात को कहने के लिए
लंबी चौड़ी भूमिका बनाई जाए ।
अपनी बात को एक लाईन में भी कहा जा सकता है ।

शुक्रवार, 3 मई 2019

शब्दों और वाक्यों

शब्दों और वाक्यों को सुरक्षित रखने के लिए कुल छव स्थान होते हैं ।

1- दिमाग ।

2- आंख ।

3- जुबान ।

4- दिल ।

5- कागज ।

6- रिकार्डिंग ।

दिमाग, आंख, जुबान, दिल, और रिकार्डिंग को जब लोग झुठला देते हैं तब कागजी लिखंत को पेश किया जाता है ।

भरा हुआ है

सबके अन्दर भरा हुआ है मगर कोई कहता नहीं ।
जब अन्दर से बाहर आता है तो कोई बर्दाश्त नहीं कर
पाता इसे कहते हैं गाली ।

बुधवार, 24 अप्रैल 2019

प्यार की भाषा

दुनियां में भाषाएं बहुत सी हैं लेकिन प्यार की भाषा तो सिर्फ एक ही है । जिसे आप जानते हैं यही पुरी दुनियां जानती है ।हर इंसान से मुहब्बत के साथ क्यों पेश आना चाहिए  ?
क्यों कि यह आप नहीं जानते इस दुनिया को बनाने वाला जानता है ।
पृथ्वी पर हर इंसान एक दूसरे के काम आने के लिए ही बनाया गया है, कौन कब किस तरह काम आए ये आप नहीं जानते ।
बस अपनी बारी का इंतज़ार करें न कि किसी का दिल दुखाएं  ।

मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

फिलासफी

आज का ये दौर फिलासफी का नहीं
खिलाफती का है ।

सिरियस

जिन्दगी में आदमी सीरियस तब होता है, जब उसके जिन्दगी में कोई समस्या आती है ।
अगर हम अपने काम के प्रति सीरियस हो जाएं तो शायद कोई समस्या न आये ।

रिश्ते

इन्सान के उपर जैसा वक्त आता है, उसी हिसाब से रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं ।

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

पांच दुश्मन

इस दुनिया में इंसान को दुख देने वाले और
बर्बाद करने वाले सिर्फ पांच दुश्मन हैं ।
1- काम ( कामदेव )
2- क्रोध ( गुस्सा  )
3- लोभ  ( लालच )
4- मोह   ( ममता  )
5- अहंकार  ( घमंड )
जिस दिन आप ने इन पांचों दुश्मनों को हरा दिया उसी
दिन से यह दुनियां आप के लिए  ( जन्नत ) स्वर्ग बन जाएगी ।

मैं आ रहा हूँ

अमीरी-गरीबी ।
अच्छे-बुरे दिन ।
दुख और सुख  ।
बीमारी और मौत ।
ये सब बता कर नहीं आते कि
मैं आ रहा हूँ  ।
इन्हें जब ईश्वर का आदेश ( अल्लाह का हुक्म )
मिलता है तो आने में जरा भी देर नहीं लगती ।
इसमें अपने कर्मों और विचारों का भी हाथ होता है ।
इस लिए हर इंसान को इन सारी परिस्थितियों के लिए
हमेशा तैयार रहना चाहिए ।
कृपया अपनी परिस्थितियों का जिम्मेदार किसी और को मत बनाये ।

बुधवार, 17 अप्रैल 2019

भाग्य

भाग्य के अनुसार कर्म की रेखाएं बन्ति और बिगड़ती है । जब कि ऐसा नहीं है । हकीकत यह है कि भाग्य के अनुसार कर्म की रेखाएं संसार में जन्म लेने से पहले ही बन जाती है । इन्सान वही कर्म करता है जो उसके भाग्य में लिखा है इसके सिवा वह कुछ नहीं कर सकता है ।

सोमवार, 6 नवंबर 2017

WELCOME TO MY BLOG

मेरे इस ब्लॉग में  हिर्दय से आप का स्वागत है 
मैं आज आप लोगों से ये अस्पष्ट  बता देना चाहता हूँ की इस ब्लोग पर मैं वही लिखता हूँ जो मेरे मन की वेदना है ।
मेरे अंतर मन की आवाज है इस ब्लोग मे कही से कोई भी विचार या कहानी नही  ली जाएगी ।