अमीरी-गरीबी ।
अच्छे-बुरे दिन ।
दुख और सुख ।
बीमारी और मौत ।
ये सब बता कर नहीं आते कि
मैं आ रहा हूँ ।
इन्हें जब ईश्वर का आदेश ( अल्लाह का हुक्म )
मिलता है तो आने में जरा भी देर नहीं लगती ।
इसमें अपने कर्मों और विचारों का भी हाथ होता है ।
इस लिए हर इंसान को इन सारी परिस्थितियों के लिए
हमेशा तैयार रहना चाहिए ।
कृपया अपनी परिस्थितियों का जिम्मेदार किसी और को मत बनाये ।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
Translate
सोमवार, 22 अप्रैल 2019
मैं आ रहा हूँ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें