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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

बुद्धिजीवी

लोग बहुत ही बुद्धिजीवी हो गये हैं।
बिना मांगे ही लोगों को सुझाव देने लगते हैं।
मगर खुद कि समस्याओं को नहीं सुलझा
सकते।

गुरुवार, 28 नवंबर 2019

समस्या

आप जिसे समस्या समझ रहे हैं वो वास्तव में समस्या
नहीं है वो सिर्फ और सिर्फ आप के समझ के बाहर है।
जिस वक़्त आप ठंडे दिमाग से समस्याओं को समझने
और सुल्झाने बैठेंगे तो सारी गुत्थी अपने आप सुलझ
कर सामने आना शुरू हो जाती हैं।
इसके बाद भी अगर आप को कुछ नहीं समझ में आ
रहा हो तो उसे चुने जो आप के सबसे करीब हो।
मगर उसके अंदर इमानदारी, शराफत, और गंभीरता
भी होनी चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह
बूढा है या नौजवान ।

सोमवार, 25 नवंबर 2019

मत मार

तुम अकेले पैदा हुए हो।
अकेले ही तुम्हें मरना भी है।
तुम्हें यहाँ से कुछ लेकर जाना भी नहीं है।
फिर किसके लिए मर रहे हो।
जो भी इस दुनिया में आता है वो अपना
नसीब साथ में ले के आता है।
तुम किसी के नसीब में कोई बदलाव नहीं
कर सकते। इस लिए पूरी आजादी के साथ
जियो जो भी सपना हो उसे पूरा करने की कोशिश
करो। अपने शोक को कभी मत मारो ।

सोंचो

कभी कभी अपने हों या दूसरे की सच्चाई को अपने
दिल में जि़दगी भर के लिए दफनाये रखना पड़ता है।
अगर उस राज को खोल दिया जाये तो सामने वाले की
चरित्र हीनता समाज और अपनों के बीच न जीने देगी
और न तो सर उठा कर बात करने के लायक रक्खेगी।
जब की यही हमारी सबसे बड़ी भूल होती है।
हम जिसपर पर्दा डाल कर सारी जि़दगी बचाते हैं।
वही सोते, जागते,उठते, बैठते हर पल हर वक्त मुझे ही
बर्बाद और बदनाम करने के चक्कर में रहता है।
सिर्फ इस गलत फ़हमी से कि कहीं ये मेरे राज़ को किसी से खोल न दें।
इस वजह से अपनी बर्बादी और नुकसान को भी
चुप चाप सहना पड़ता है।
दिल में कोई बोझ या राज छुपाने से बेहतर है कि
उसे उसी के हवाले कर दिया जाए। जिसका है।
क्या कि मरना भी तुम्हें ही है और जीना भी तुम्हें।
तो फिर आजादी से जियो, ईमानदारी के साथ।
किसी के दबाव में तुम्हें जीने की कोई जरूरत नहीं है।
इस दुनिया में क्यों भेजे गये हो उसे सोंचो ।

शनिवार, 23 नवंबर 2019

आज ही करो

खाने से भी मौत होती है।
बिना खाये भी मौत होती है।
गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट हो जाता है
इसकी वजह से भी मौत होती है।
बिमार पड़ने से भी मौत होती है।
गोली लगने से भी मौत होती है।
मार लग जाने से भी मौत हो जाती है।
हार्ट अटैक से भी मौत हो जाती है।
मरने के लाखों रंग रुप हैं।
इस दुनिया में जो भी आया सब को
मरना है।
इस दुनिया में अमर होकर हमेशा हमेशा
के लिए जि़दा रहना नामुमकिन है।
फिर कल की आशा और ऊम्मीदें कैसी।
जो बिता है वह कल था।
जो आने वाला है वो भी कल है।
उसका क्या  ?
जो कुछ भी है वो आज है।
सब कुछ आज में ही होता है।
कल तो सिर्फ टालने के लिए होता है।
रात को सो गये।
जब सुबह उठे तो आज हो गया।
कहां गया कल ?
इस लिए मरने के लिए हर पल तैयार रहो।
कल पर कुछ मत छोड़ो जो करना है
आज ही करो।

बुधवार, 13 नवंबर 2019

सपने

कुछ सपने ऐसे होते हैं जिन्हें लोग देखते तो जरूर हैं मगर उन्हें पूरा न कर पाने की वजह से खुद से समझौता कर लेते हैं। आप सभी लोग जानते हैं कि इस दुनियां में असंभव नाम की कोई भी चीज नहीं है। वहां तक संभव है जहां तक आप अपनी कल्पना कर सकते हैं। बस आप को अपने सपनों को हकिकत में बदलने के लिए उतने ही प्रेम में डूबना होगा जितने प्रेम में डूब कर आप ने सपनों को देखा है। यहां 95 % लोग अपने सपनों से समझौता कर के सारी जि़दगी उसी सपने में जीते हुए मर जाते हैं। यहां किसी के सपनों से किसी का कुछ लेना देना नहीं है। सपना आप का है पूरा भी आप ही को करना है। मैं सिर्फ इतना बता सकता हूँ कि इस दुनिया में सबसे ज्यादा आप जिस से मुहब्बत करते हैं उससे ज्यादा आप अपने सपनों से करें। दिल और दिमाग मे हर वक्त, हर पल, हर लम्हा सिर्फ सपना होना चाहिए। इतनी दीवानगी होनी चाहिए कि आप को कहीं कुछ अच्छा न लगे। किसी की बात में न मन लगे न अच्छा लगे। रात में नीद न आए । बिस्तर काटने को दौडे। उसी वक्त घर से बहार निकल कर सपने में डूबे टहलने पर मजबूर कर दे तब जाकर आप को अपने सपनों को साकार करने का रास्ता मिलना शुरू होगा। यहां सपने हासिल करने में कम छीनने में ज्यादा जुनुन पैदा करना पड़ता है। जितना जुनुन होगा उससे कहीं ज्यादा अपने अंदर जिद भी पैदा करन पड़ेगा।

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

शनिवार, 2 नवंबर 2019

झूठ और सच

सच्चाई कहीं रक्खी हुई नहीं है कि आप उसे खरीद लें।
सच्चाई तो सिर्फ आप के दिल में है।
झूठ को कहीं से सीखने की जरुरत नहीं पड़ती,
तुम्हारी जरूरतें सिखा देती हैं।
तुम्हारी जरूरतों ने झूठ को इतना बढा दिया है कि
अब हर पल तुम्हारी जिंदगी झूठ के बल पर ही कट रही है। यही वजह है कि सच के एक भी अल्फाज तुम्हारे
जुबान पर आने में अपराध जैसा लगता है।

शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

झूठों की मन्डी

दुनियां जबसे कायम हुई है तभी से झूठ को धरती पर फैलाया जा रहा है। आज हालात ये है कि झूठों की बड़ी
बड़ी मन्डीयां कायम की गई हैं।
जैसे - सुप्रीम कोर्ट
        हाई कोर्ट
      कलेक्टरी कचहरी
      दीवानी कचहरी
      तहसील
      ब्लाक
तथा अन्य जिसे आप समझ सकते हैं।
एक बार मुझे हाई कोर्ट इलाहाबाद जाना पड़ा।
दूसरी मंजिल से नीचे जब मैने अपनी नजर को
दौड़ाया तो हर तरफ काली कोट वालों की भीड़
सड़क से लेकर कोर्ट के बाउंडरी और छत सब कुछ
खचाखच भरा हुआ था।
ऐसा लगा जैसे समस्त भारत के गिद्ध और कौवे यहीं
इकट्ठे हो गये हैं।
जिस जिस प्रकार की डीलिंग सुना और देखा उससे
ये समझ आया कि अगर जज की कुर्सी पर साछात
ईश्वर आकर बैठते तो मरने वालों की तारीखें डाल डाल
कर उसे ज़िंदा कर दिया जाता। किसी को कभी मरने ही
नहीं दिया जाता।

बुधवार, 19 जून 2019

बेरोजगारी

कुछ डाक्टरों की फीस सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस डेढ सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस दो सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस ढाई सौ रुपये ।
इस तरह आठ सौ रुपये तक है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी दो सौ रुपये है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी ढाई सौ रुपये है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी तीन सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी चार सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी पांच सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी छव सौ रुपये है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह बारह सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह पन्द्रह सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह दो हजार है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह पचीस सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह तीन हजार है ।
मगर इसमें बहुत बड़ी विडंबना और दुख की बात तो
ये है कि किसी भी अध्यापकों को जून की तनख्वाह
नहीं मिलती है । ये सारी पड़ताल देहाती इलाकों के हैं ।
साथ ही सभी फीस, दिहाड़ी ( मजदूरी ) और तनख्वाह
वाले लोग प्राइवेट सेक्टर से हैं ।
इन समस्याओं का समाधान अगर कोई हो तो सुझाव
और कमेंट्स में जरूर बताएं ।

सोमवार, 17 जून 2019

यूट्यूब विडियो

यूट्यूब पर चैनल बनाना, फिर विडियो बनाकर अपलोड
करना ज्यादा तर लोगों की मानसिकता बन गयी है ।
ऐसा लगता है कि जैसे करोड़पति बनने की एक होंड़ सी लगी हुई है ।इससे आसान और इससे सस्ता कोई
बिजनेस ही नहीं रह गया है जिसे देखिये यूट्यूबर बनना चाहता है ।कोई बात नहीं है अपने टैलेन्ट को जनता के
सामने रखने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है ।
आप कैसी विडियो देखना चाहते हैं इस मानसिकता के
तहत सामने वाले के मानसिकता का ख्याल करें ।
पांच मिनट की विडियो में डेढ़ मिनट तो विडियो को
लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें में चला जाता है ।
अरे भाई आप का विडियो यूट्यूब पर चल रहा है अगर
अच्छा है लोगों को पसंद आएगा तो खुद ही लाइक और सब्सक्राइब करेंगे अपने मुंह मियाँ मिट्ठू क्यों बन रहें हैं । सचमुच ये अच्छा नहीं लगता भले आप को लगता हो
अगर आप के विडियो के मैटर में दम है ।
अगर आप की विडियो किसी को अच्छा इंटरटेनमेंट करती है या आप के विडियो के जानकारी के अनुसार
किसी का मकसद हल होता हो या किसी का भला होता हो तो वो खुद ब खुद आप के चैनल को लाइक और सब्सक्राइब कर लेगा इस लिए खुद को पहले इस लायक बनायें ।
दूसरी बात कुछ लोग फेंक हैडिंग डालकर विडियो दिखाते हैं जब कि हैडिंग के अनुसार कुछ भी नहीं होता
तीसरी बात कुछ लोग टिप्स और टिरिक्स, की भी
जानकारी देते हैं मगर विडियो अन्त तक दिखा कर
अगली विडियो देखने की बात करते हैं ।
कुछ लोग यह कहते हैं कि विडियो लंबी हो जाने के
कारण बाकी चीजें अगली विडियो में समझें ।
अरे यार एक बात बताने के लिए दस विडियो बनाएंगे
आप कि दी हुई जानकारी अगर सही है तो एक मैटर को चार या पांच विडियो में खिचने कि जरूरत नहीं है
उस पुरे मैटर को विस्तार पुर्वक एक ही विडियो में बताने की कोशिश करें भले ही आप कि विडियो एक घंटे कि क्यों न हो जाए ।
जबतक किसी चीज की पुरी जानकारी न हो जाए तब
तक बे वजह अपने विडियो में किसी का समय न बर्बाद
करें ।
आजकल हर आदमी अनलाइन पैसा कमवा रहा है
जब कि यह भी सोचना चाहिए कि इसका नकारात्मक
प्रभाव क्या होगा ।
एक बार तो विडियो देखीजाएगी मगर फिर क्या होगा
यही वजह है कि एक दिन यूट्यूब से लोगों का मोहभंग
हो जाएगा और लोग इसे फेंक विडियो हब के नाम से
जानेगे ।
अब तो बहुत सी सोशल साइट्स आ रही हैं लोग अपनी
जरूरतें अन्य साइटों पर तलाश लेंगे ।
इस लिए मैं यूट्यूबरों से यही कहना कहूंगा कि अपने विडियो या अपने अधुरे नालेज के बल पर पैसा कमाने
कि लालच में किसी के भावनाओ से खिलवाड़ न करें ।

गुरुवार, 13 जून 2019

रत्न

कुछ रत्न ऐसे होते हैं जो समय के अनुसार कलर बदलते हैं, कलर बदलने वाले रत्न रत्नों में काफी कीमती होते हैं ठीक उसी तरह प्राणियों में मनुष्य भी
सारे प्राणियों में सबसे कीमती है ।
मनुष्य भी समय के अनुसार कलर बदलता है और जब
इसका कलर बदलता है तो जिस्म मुलायम हो जाता है
और रोम रोम यानी शरीर के सारे बाल सफेद हो जाते हैं ।

शुक्रवार, 31 मई 2019

जनता

आखिर जनता अब और क्या करेगी ।
पार्टी भक्त बने जनता ।
धरना दे जनता ।
प्रदर्शन करे जनता ।
आन्दोलन करे जनता ।
लाठी खाये जनता ।
देश भक्ति करे जनता ।
राजनीत में अपनों से लड़कर
मनमुटाव करे जनता ।
महंगाई की मार सहे जनता ।
जात पात सहे जनता ।
एम,एल,ए चुने जनता ।
एम,पी, चुने जनता ।
सभी टैक्स चुकाये जनता ।
विदेशी कर्जा वसूला जाए जनता से ।
ई,वी,एम, मशीन जो गायब हुई
उसे भी ढूँढे जनता ।
बम धमाकों के शिकार बने जनता ।
हिन्दू-मुस्लिम के दंगों को सहे जनता ।
कानून का पालन करे जनता ।
संविधान की रक्षा करे जनता ।
भीड़ जुटाये जनता ।
रैली को सफल बनाये जनता ।
आखिर जनता को मिलता क्या है  ?
कोई राजनैतिक पार्टी या राजनेता तनख्वाह
देता है क्या  ?
उपर बैठे देश चलाने के ठेकेदारों का कोई कर्तव्य
नहीं है क्या  ?
सिर्फ इस्तेयालक बाजी करने के लिए पार्टी का रजिस्ट्रेशन करवा कर रास्ट्रीय लीडर बने हुए हैं  ?
हर बात पर जनता जवाब देगी ।
तो फिर रास्ट्रीय लीडर लोग क्या करेंगे और कब करेंगे ।
हर लोग बिक रहे हैं, सारा सिस्टम, सारा तंत्र बिक चुका है । अब जनता क्या करे, जनता के हाथ में न पावर है
और न तो पैसा सिर्फ एक भीड़ बन कर रह गई है जनता ।
अपने अच्छे दिन लाने के चक्कर में महंगाई से लेकर हर
मार झेल रही है और झेलती रहेगी ।
खुद को लुटता और देश को लुटता इसी खामोशी से
देखती रहेगी क्यों कि जनता रास्ट्रीय लीडरों पर उम्मीदें
लगाये हुए है और रास्ट्रीय लीडर जनता पर ।
अजीब विडंबना है जबकि जनता अपना फर्ज बखुबी
निभाती है आप अपना वादा और कर्तव्य तो पुरा करें ।

गुरुवार, 16 मई 2019

EVM

चुनाव आयोग को क्या कहा जाए आप खुद सोंच सकते
हैं 20 लाख EVM मशीनें गायब है इनके समझ में कुछ
नहीं आ रहा है कि कहाँ गयीं ।
ये चुनाव आयोग नहीं बल्कि अनोखा आयोग है
या फिर भरष्ट और विकाऊ आयोग है ।
EVM से अगर पीछा छुड़ाना है ।
EVM को अगर बंद करना है ।
तो EVM पर आप वोट करना बंद कर दें ।

बुधवार, 15 मई 2019

सुझाव

आप के द्वारा दिया गया सुझाव जरुरी नहीं है कि कामयाब कर दे कभी कभी ऐसा भी होता है कि
आप के द्वारा दिया गया एक छोटा सुझाव ही जिंदगी
बर्बाद भी कर सकता है ।
आप की नजर में आप का सुझाव सबसे अच्छा है
मगर यह जरुरी नहीं है कि सामने वाले के लिए भी हो ।

मंगलवार, 14 मई 2019

अच्छे दिन

भारत के नागरिक अपने जीवन में अच्छे दिन लाने
के लिए कुछ भी कर सकते हैं ।
यही वजह है कि एक राजनैतिक व्यक्ति ने भारत देश के नागरिकों के अच्छे दिन लाने के झूठे वादे कर के
देश का प्रधान मंत्री बन बैठा ।

सोमवार, 13 मई 2019

डर

जिस चीज से मानव डरता है उस डर को पूरे मानव
बिरादरी में फैलाता है, सोते, जागते, हर पल , सारी जिंदगी इस डर के अलाप को मंत्र और किसी पुन्य
काम कि तरह अलापता रहता है ।
हमारा भारत देश इस वक्त मुसलमानों से बहुत डरा
हुआ है । हर जगह सिर्फ इन्हीं कि चर्चा, चाहे राजनैतिक मंच हो या धार्मिक कार्यक्रम ।
देश के धार्मिक माहौल को बिगाड़ने से चंद लोगों का
फायदा तो होगा ही मगर इसके पीछे देश सैकडों साल
पिछे चला जाएगा ।

शनिवार, 11 मई 2019

अजनबी

गरीब से गरीब आदमी के परिवार में भी जब कोई भाई
या लडका कुछ करने की बात करता है तो उसके लिए
ऐसे रास्ते निकाले जाते हैं जिससे उसके खानदान या परिवार के द्वारा किये गए कार्यों की पुनरावृत्ति न हो बल्कि एक नया डेवलपमेंट हो ।
भारत देश के मुखिया को शायद यह पता नहीं कि यह
देश हमारा एक परिवार है और हम अपने परिवार के पढे लिखे लोगों को नये नये डेवलपमेंट कि ओर ले जाने
से बेहतर पकौडे तलवाना पसंद करते हैं ।
निहायत ही शर्म के अलावा तकललीफदे बात है ये ।
मुखिया के इस विचार से यह पता चलता है कि वे देश
और देश के नागरिक के अलावा कुछ और सोंच रहे हैं ।
देश उनके लिए अजनबी और नागरिक पराये हैं ।

फाइनेंस

भारत देश का पैसा लेकर विदेश भागने वालों का फाइनेंस हो सकता है मगर बेरोजगार अपना कोई रोजगार कर सके इसके लिए उसे फाइनेंस नहीं मिलता ।

डेट एक्सपायर

सन् 2014 से सन् 2019 के इन पांच सालों के सफर में
हमारे देश में कई करोड़ लोग सरकारी सर्विस पाने की
डेट को एक्सपायर कर चुके होंगे , जिसमें से एक मैं भी हूँ ।