दुनियां जबसे कायम हुई है तभी से झूठ को धरती पर फैलाया जा रहा है। आज हालात ये है कि झूठों की बड़ी
बड़ी मन्डीयां कायम की गई हैं।
जैसे - सुप्रीम कोर्ट
हाई कोर्ट
कलेक्टरी कचहरी
दीवानी कचहरी
तहसील
ब्लाक
तथा अन्य जिसे आप समझ सकते हैं।
एक बार मुझे हाई कोर्ट इलाहाबाद जाना पड़ा।
दूसरी मंजिल से नीचे जब मैने अपनी नजर को
दौड़ाया तो हर तरफ काली कोट वालों की भीड़
सड़क से लेकर कोर्ट के बाउंडरी और छत सब कुछ
खचाखच भरा हुआ था।
ऐसा लगा जैसे समस्त भारत के गिद्ध और कौवे यहीं
इकट्ठे हो गये हैं।
जिस जिस प्रकार की डीलिंग सुना और देखा उससे
ये समझ आया कि अगर जज की कुर्सी पर साछात
ईश्वर आकर बैठते तो मरने वालों की तारीखें डाल डाल
कर उसे ज़िंदा कर दिया जाता। किसी को कभी मरने ही
नहीं दिया जाता।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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शुक्रवार, 1 नवंबर 2019
झूठों की मन्डी
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