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शनिवार, 27 मार्च 2021

शिक्षित होने की सार्थकता

हम शिक्षा ग्रहण करते हैं , तो सभी छोटी बड़ी चीजों का ज्ञान प्राप्त होता है , लेकिन उसे अपनी जिंदगी में अमल नहीं करते ।
जानते हैं क्यों ?
क्यों कि शिक्षा से ज्यादा माया लोगों के दिलों दिमाग पर छा जाती है , इसी लिए शिक्षा और शिक्षित दोनों गौंड हो कर रह जाते हैं ।
इसी लिए लोग कहते हैं कि पढ़ें लिखे बेवकूफ हैं ।
क्रोध , लोभ , मोह , अहंकार और कामवासना पर अपना अधिकार जमा कर जीत हासिल कर लेना ही शिक्षित होने की सार्थकता है ।

शनिवार, 20 मार्च 2021

कामयाब होना चाहते हो तो

अपने दम पर अगर कुछ करना और कामयाब होना चाहते हो , तो अपने अन्दर से प्यार , शर्मिंदगी और झिझक को निकाल फेंको , क्यों कि ये सब तुम्हें कमजोर कर देंगे ।

मंगलवार, 16 मार्च 2021

कीमत अनमोल होती है

आसानी से या फोकट में मिली हुई चीजें , चल , अचल सम्पत्ति , औरत , दौलत , अथवा कुछ भी जब-तक पास और पहुंच में होती है , तब-तक इसका मोल समझ में नहीं आता ।
परिश्रम से हासिल की गई चीजों की कीमत अनमोल होती है ।

सोमवार, 15 मार्च 2021

जान भी दे सकता हूं

शर्तों पर आधारित हर चीज़ से मुझे नफरत है । उतना ही जितना नाजायज चीजों से होती है । बिना शर्त और निस्वार्थ भावना से कहो तो अपनी जान भी दे सकता हूं ।

रविवार, 14 मार्च 2021

भूत , भविष्य , वर्तमान काल का स्पटिकरण नहीं

बोलने में स्त्रीलिंग , पुलिंग का पता नहीं । भूत भविष्य वर्तमान काल का स्पटिकरण नहीं जिसके कारण एक भी वाक्य सही नहीं निकलते फ़िर भी लोग बोलते भी हैं और लिखते भी हैं ।

मंगलवार, 9 मार्च 2021

दुनियां ही छूट जाती है

इस बहुरंगी दुनियां को , और बहुरंगी दुनियां वालों को समझते - समझते उम्र निकल जाती है ।
बहुत मुश्किल से , बहुत दुःख दर्द से , बहुत ऐशो आराम से , हर परिस्थितियों को झेलते हुए सिर्फ पचास परसेंट (50%) ही समझ में आती है । तब-तक दुनियां ही छोड़ने का समय आ जाता है , और फिर दुनियां ही छूट जाती है ।

रविवार, 7 मार्च 2021

अच्छे और बुरे दोनों लोगों की चर्चा

अच्छे और बुरे दोनों लोगों की चर्चा समान रूप से बराबर ही होती है । फर्क सिर्फ इतना है , कि अच्छे लोगों की चर्चा अच्छी तरह से होती है , और बुरे लोगों की चर्चा गालियों से होती है ।

शनिवार, 6 मार्च 2021

खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग

खूबसूरत जिस्म और अच्छे कपड़े का मतलब यह नहीं है कि खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग भी हो ।

मंगलवार, 2 मार्च 2021

जरुरतें और सोंच

पहले संसाधन कम थे , तो लोगों की जरुरतें और सोंच उन्हीं संसाधनों के अनुसार थीं ।
आज़ संसाधन बहुत ज्यादा बढ़ गये हैं । इस लिए लोगों की जरुरतें भी बढ़ गई हैं , और सोंच भी बढ़ गई है ।

सोमवार, 1 मार्च 2021

मुहब्बत में या किसी दुश्वारी में

बेबसी में या किसी लाचारी में ।
मुहब्बत में या किसी दुश्वारी में ।।
कुछ तो है , जो साथ लाई हूं ।
आज खुद चल के पास आई हूं ।।
अब न छोडुंगी मैं कभी तुमको ।
आज दिल से ये कसम खाई हूं ।।
जो बीत गई है उसे बीत जाने दो ।
नई सुबह नई किरन साथ लाई हूं ।।
अब अंधेरे का कोई ग़म मत करना ।
उजाला बन कर तुम पर मैं छाई हूं ।।
दिल को शीशे में मत ढालना जावेद ।
मैंने अक्सर इसे टूटते हुए ही पाई हूं ।।