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मंगलवार, 9 मार्च 2021

दुनियां ही छूट जाती है

इस बहुरंगी दुनियां को , और बहुरंगी दुनियां वालों को समझते - समझते उम्र निकल जाती है ।
बहुत मुश्किल से , बहुत दुःख दर्द से , बहुत ऐशो आराम से , हर परिस्थितियों को झेलते हुए सिर्फ पचास परसेंट (50%) ही समझ में आती है । तब-तक दुनियां ही छोड़ने का समय आ जाता है , और फिर दुनियां ही छूट जाती है ।

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