hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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गुरुवार, 27 मई 2021
हर किसी को नहीं मिलता
शराफ़त एक प्रकार का धन है , जो हर किसी को नहीं मिलता । जिसे नहीं मिलता , वो शराफ़त का खोल पहन लेता है । लेकिन काम वही करता है , जैसा वो खोल के पीछे है ।
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डायलॉग
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JAVED GORAKHPURI
बुधवार, 26 मई 2021
निगेटिविटी से भरे हुए लोग
निगेटिविटी से भरे हुए लोग तुम्हें हर क़दम पर मिलेंगे लेकिन , एक पाजेटिव सोंच ही है जो तुम्हें हर तरह के डर से बाहर निकाल सकती है ।
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डायलॉग
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JAVED GORAKHPURI
सोमवार, 24 मई 2021
दुनियां को छुड़ा देता है
जो ज़हर पी के मरा उसमें दुःख और आस्चर्य क्या ?
जो अमृत पी के मरा इसका दुःख भी है और आश्चर्य भी ।
अब यह मत कहना कि विभिषण यदि श्री राम जी से न मिले होते तो रावण कभी मारा नहीं जात ।
रावण को तो मरना ही था क्यों कि यह महिमा उस ईश्वर की थी जिसने विष और अमृत दोनों इस जगत में भेजा था ।
आप जानते हैं कि यह मृत्यु लोक है , जो यहां आया है उसे यहां से जाना भी है और वो भी कोई न कोई कारण के साथ फिर अमृत को यहां क़ायम रहने का कोई औचित्य नहीं है ।
हां विष तो क़ायम रहेगा क्यों कि विष बड़े ही आनंद के साथ दुनियां को छुड़ा देता है ।
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विचारात्मक लेख
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मंगलवार, 18 मई 2021
राजा के बच्चों को
राजा के बच्चों को नगारी नहीं पाल पाते ।
हां राजा के राज को , नगारी बेचने खाने और लूटने में बहुत आगे होते हैं ।
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डायलॉग
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सोमवार, 17 मई 2021
आग को आग लिक्खूं
आग को आग लिक्खूं पानी को पानी लिक्खूं ।
मैं की शायर हूं तो क्यूं झूठी कहानी लिक्खूं ।।
जिन्को सुन्ते ही बुझ उठते हैं मुहब्बत के चिराग ।
क्या जरुरत है वही बात पुरानी लिक्खूं ।।
हज़ारों शक्ल में देखा है रात दिन तुझको ।
जिंदगी बोल तेरे कितने मआनी लिक्खूं ।।
रंग सब आप पे सजते हैं पहन लें जो भी ।
सब्ज या लाल लिक्खूं ज़र्द या धानीं लिक्खूं ।।
मेरा दावा है मिला है न मिलेगा " जावेद " ।
कौन है जिसको की मैं आप का सानी लिक्खूं ।।
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ग़ज़ल
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शुक्रवार, 14 मई 2021
तेरा ग़म पहले
ईद का जश्न मनाऊं या तेरा ग़म पहले ।
कश्म कश का न था ऐसा कभी आलम पहले ।।
खुश्क पत्तों को जला देती है शोलों की लपट ।
शब्ज पत्तों को भिगो देती है शबनम पहले ।।
कत्रये आब से जल जाएंगे सावन में सजर ।
मैंने देखा न था ऐसा कभी मौसम पहले ।।
मुझ पे थीं जिसकी इनायत बहुत कम पहले ।
आंख उस शोख की हो जाती है अब नम पहले ।।
ज़ख्म भी देने का अंदाज़ नया है जावेद ।
जा ब जा जिस्म पे रख देता है मरहम पहले ।।
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ग़ज़ल
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गुरुवार, 13 मई 2021
अपने आप को मिटाते जा रहे हो
उसने मेरी हस्ती ही कुछ और बनाई है , कि तुम मुझे मिटाने में अपने आप को मिटाते जा रहे हो और वो मुझे बनाने के लिए खड़ा है ।
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डायलॉग
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बुधवार, 12 मई 2021
एक लोटा पानी
प्यास बुझाने के लिए एक लोटा ( जग ) पानी काफी है ।
मुझे क्या पता था कि ये पानी मेरी जरुरत बन जाएगी ।
जिंदगी भर प्यास लगेगी , और जिंदगी भर पानी की जरुरत पड़ेगी ।
निष्कर्ष- यहां बात सिर्फ पानी और प्यास की ही नहीं है ।
जिंदगी में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं , जो एक प्यास की तरह शामिल हो जातीं हैं और जिंदगी से आखरी दम तक नहीं जातीं ।
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शनिवार, 1 मई 2021
हर इंसान का सपना होता है
हर इंसान का सपना होता है , कि उसकी शादी हो ।
हर इंसान का सपना होता है , कि उसके बच्चे हों ।
हर इंसान का सपना होता है , कि उसका एक घर हो ।
ज़मीन जायदाद हो , शोहरत और दौलत भी हो ।
अपनी इच्छा के अनुसार अपनी जिंदगी को जी सकें ।
बहुत कम लोग हैं । जिनके पास सब कुछ हो जाता है ।
अधिकांश लोगों को तो अपना एक घर बनाने में ही जिंदगी गुजार जाती है । तमाम लोग पिता के बनाए हुए घर में जिंदगी गुजार देते हैं ।
कभी आप ने इस बात को सोंचा कि आप के बच्चों का क्या होगा ?
आप के पिता का बनाया हुआ घर हो या आप का बनाया हुआ हो , अगर आप के पास एक ही औलाद है , तो कोई बात नहीं , लेकिन अगर दो चार हैं तो क्या होगा ?
आप का वही एक घर जिसे आप ने या आप के पिता ने अपने हिसाब से अपनी सुविधा के अनुसार बनाया है । एक दिन वही घर ऊन दो चार बच्चों के विवाद का कारण बन जाएगा , क्यों कि आज आप संयुक्त परिवार में हैं और तभी तक रह सकते हैं , जब-तक आप के बच्चों की शादियां नहीं हुई हैं । जब शादीयां हो जायेंगी तो उन्हें भी अपना घर-बार बसाना होता है । अपनी जरूरतों के मुताबिक अपनी सहुलियतों को जुटाना पड़ता है ।
हर बच्चा एक बराबर नहीं होता , कुछ आप के जिंदगी में ही अलग हो जाएंगे , कुछ आप के मरने के बाद होंगे मगर होना तो है ही ।
अफसोस इस बात का है कि आसानी से , सबकी सहमति से और आपसी प्रेम से , अगर अलग हो जाएं तो बहुत अच्छी बात है । सभी का आपसी प्रेम बराबर बना रहेगा ।लेकिन वही जब लड़ कर और एक दूसरे से नफ़रत पैदा कर के अलग-अलग होंगे तो क्या फ़ायदा ? लोग एक-दूसरे से हमेशा दूर ही रहेंगे ।
बेहतर तो यह होगा कि आप सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों के घर को बनाने के चक्कर में पड़ें , ताकि वे आपस में बिना विवाद के , अपनी जिंदगी अपनी खुशी से गुजार सकें ।
इससे भाईचारा और आपसी प्रेम बना रहेगा । सभी बच्चों का एक दूसरे के घर आना जाना बना रहेगा ।
सबको आपस में लडा कर , सब नफ़रत के बीज दिलो दिमाग में लेकर , अलग-अलग हों , एसी व्यवस्था न बनाएं।
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विचारात्मक लेख
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शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
सतयुग , द्वापर और त्रेता में
सतयुग , द्वापर और त्रेता में एक राजा हुआ करते थे वो भी सिर्फ अपने राज के । आज इस कलयुग में हर व्यक्ति स्वयं में ही राजा है । बिना किसी राज्य के ।
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