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मंगलवार, 16 मार्च 2021

कीमत अनमोल होती है

आसानी से या फोकट में मिली हुई चीजें , चल , अचल सम्पत्ति , औरत , दौलत , अथवा कुछ भी जब-तक पास और पहुंच में होती है , तब-तक इसका मोल समझ में नहीं आता ।
परिश्रम से हासिल की गई चीजों की कीमत अनमोल होती है ।

सोमवार, 15 मार्च 2021

जान भी दे सकता हूं

शर्तों पर आधारित हर चीज़ से मुझे नफरत है । उतना ही जितना नाजायज चीजों से होती है । बिना शर्त और निस्वार्थ भावना से कहो तो अपनी जान भी दे सकता हूं ।

रविवार, 14 मार्च 2021

भूत , भविष्य , वर्तमान काल का स्पटिकरण नहीं

बोलने में स्त्रीलिंग , पुलिंग का पता नहीं । भूत भविष्य वर्तमान काल का स्पटिकरण नहीं जिसके कारण एक भी वाक्य सही नहीं निकलते फ़िर भी लोग बोलते भी हैं और लिखते भी हैं ।

मंगलवार, 9 मार्च 2021

दुनियां ही छूट जाती है

इस बहुरंगी दुनियां को , और बहुरंगी दुनियां वालों को समझते - समझते उम्र निकल जाती है ।
बहुत मुश्किल से , बहुत दुःख दर्द से , बहुत ऐशो आराम से , हर परिस्थितियों को झेलते हुए सिर्फ पचास परसेंट (50%) ही समझ में आती है । तब-तक दुनियां ही छोड़ने का समय आ जाता है , और फिर दुनियां ही छूट जाती है ।

रविवार, 7 मार्च 2021

अच्छे और बुरे दोनों लोगों की चर्चा

अच्छे और बुरे दोनों लोगों की चर्चा समान रूप से बराबर ही होती है । फर्क सिर्फ इतना है , कि अच्छे लोगों की चर्चा अच्छी तरह से होती है , और बुरे लोगों की चर्चा गालियों से होती है ।

शनिवार, 6 मार्च 2021

खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग

खूबसूरत जिस्म और अच्छे कपड़े का मतलब यह नहीं है कि खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग भी हो ।

मंगलवार, 2 मार्च 2021

जरुरतें और सोंच

पहले संसाधन कम थे , तो लोगों की जरुरतें और सोंच उन्हीं संसाधनों के अनुसार थीं ।
आज़ संसाधन बहुत ज्यादा बढ़ गये हैं । इस लिए लोगों की जरुरतें भी बढ़ गई हैं , और सोंच भी बढ़ गई है ।

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

दुनियां में भी बिगड़ता है और वहां भी बिगड़ता है

तुम सोचते हो कि मैं उसका बिगाड़ रहा हूं ।
दुनियां में तो जरुर उसका कुछ बिगड़ता है , क्यों कि तुम दिन रात सिर्फ उसके बिगाड़ने में ही लगे रहे , लेकिन वहां उसका बनता रहा जहां उसे इस दुनियां को छोड़ कर एक दिन जाना है । उसके लिए वहां तुमने ही बनाया है । यहां उसका बिगाड़ कर ।
जब किसी का बिगाड़ते हो , तो तुम्हारा दुनियां में भी बिगड़ता है , और वहां भी बिगड़ता है ।

रविवार, 31 जनवरी 2021

भागना या मुंह मोड़ लेना

भागना या मुंह मोड़ लेना किसी समस्या का समाधान या हल नहीं है । ठहर जाना , डट जाना , रुक जाना ही समस्या के समाधान का हल ढूंढने पर मजबूर हो जाना होता है , या   समाधान कराने पर मजबूर कर देने के बराबर होता है ।

रविवार, 24 जनवरी 2021

अनमोल रतन को बचा के रक्खा है

ज़मीर बेच कर अगर अरबपति नहीं बन पाए तो सैकड़ों और हज़ारों रुपये में उलझने से क्या फ़ायदा , इससे बेहतर है कि अपने ज़मीर को बचाए रक्खो ।
जिसने अपने ज़मीर को बचाए रक्खा है , समझो उसने अनमोल रतन को बचा के रक्खा है ।

शनिवार, 23 जनवरी 2021

तुम जानते हो अपने अन्दर के झूठ और सच को

तुम जानते हो अपने अन्दर के झूठ और सच को । इस लिए कभी अपनी झूठी शान को "आंन " मत बनाना , क्यों कि झूठ का अपना कोई धरातल नहीं होता , इसे टूटने में ज्यादा वक़्त नहीं लगता , जब झूठी आंन , मान और शान टूटतीं हैं तो कलेजा मुंह को आ जाता है ।

शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

ऐसा रिश्क मत लेना कि जिससे तुम्हारा नुकसान हो जाय

मेरे लिए कभी ऐसा रिश्क मत लेना कि जिससे तुम्हारा नुकसान हो जाय , मैं तुम्हारे इस नुकसान वाले रिश्क में शामिल नहीं हो पाऊंगा । तुम्हारे रिश्क से अगर तुम्हारा भला या फायदा हो जाय , तो मैं तुम्हारे इस रिश्क में शामिल हो सकता हूं ।

बुधवार, 20 जनवरी 2021

जब हालात नाजुक होते हैं

जब हालात नाजुक होते हैं तो सही और ग़लत का फर्क नज़र नहीं आता । ग़लत अल्फाज़ तो ग़लत होते ही हैं , मगर इस नाजुक हालात में सही अल्फाज़ भी दर्द देते हैं ।

शनिवार, 16 जनवरी 2021

मनगढ़ंत के अर्थों में सारी जिंदगी भटकते रहोगे

जिस कालेज के तुम स्टुडेंट हो , उस कालेज में , मैं प्रोफेसर हूं । एक वाक्य के बहुत सारे अर्थ निकलते हैं । निर्अर्थक एवं मनगढ़ंत के अर्थों में सारी जिंदगी भटकते रहोगे , सही अर्थ जानने के लिए मेरे क्लास में तो आना ही पड़ेगा ।

शनिवार, 9 जनवरी 2021

परिस्थितियों पर किसी का वश नहीं चलता

परिस्थितियों पर किसी का वश नहीं चलता , बुद्धिमानी इसी में है कि परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया जाए ।

मंगलवार, 5 जनवरी 2021

जब समझ में नहीं आता तो बेबुनियाद लगता है

दुनियां में कोई भी सवाल बेबुनियाद नहीं होता । बस सवाल करने वाले का मकसद और उसका सवाल , जब समझ में नहीं आता , तो बेबुनियाद लगता है ।

शनिवार, 2 जनवरी 2021

कीचड़ उछालता था

मैंने वो चप्पल ही पहनना छोड़ दिया , जो मेरे पैर में ही रहता था , लेकिन पीछे से मेरे ही ऊपर , कीचड़ उछालता था ।

रविवार, 27 दिसंबर 2020

मैं उसकी चाहत से संतुष्ट हूं

रब की चाहत में ही मेरी चाहत है । खोना भी उसी के मर्जी से है, और पाना भी उसी के मर्जी से है , अब खोने का डर , और पाने की चाहत से मैं बहुत ऊपर उठ चुका हूं , इस लिए मैं उसकी चाहत से संतुष्ट हूं ।

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

मेरी औकात को कभी नापने की कोशिश मत करना

मेरी काबिलियत पर शक मत करना , और मेरी औकात को कभी नापने की कोशिश भी मत करना । तुम्हें जो जरुरत हो उसे मुझसे कहो , तुम मुझसे वो मांगो जो तुम्हें दुनिया का कोई भी व्यक्ति न पुरा कर सके , तुम्हे अगर किसी देश का बादशाह या किसी देश का प्रधानमंत्री भी बनना है । तो भी मुझसे कहो और इतना कहो , कि मैं तुम्हारी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए , अपने रब और उसके रसूल से मांगने के लिए मजबूर हो जाऊं ।

गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

इससे ग़लत फहमियां बढ़ने लगती हैं

हर समस्याओं का समाधान है मुलाक़ात । और मुलाकात में जरुरी है उन सभी पहलुओं पर बात , जिनके कारण समस्याएं उत्पन्न हुई हैं ।
बहाने बना कर दूरी बनाना , इससे ग़लत फहमियां बढ़ने लगती हैं । जिससे शक मज़बूत होता चला जाता है ।