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रविवार, 24 जनवरी 2021

अनमोल रतन को बचा के रक्खा है

ज़मीर बेच कर अगर अरबपति नहीं बन पाए तो सैकड़ों और हज़ारों रुपये में उलझने से क्या फ़ायदा , इससे बेहतर है कि अपने ज़मीर को बचाए रक्खो ।
जिसने अपने ज़मीर को बचाए रक्खा है , समझो उसने अनमोल रतन को बचा के रक्खा है ।

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