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बुधवार, 11 दिसंबर 2019

नफरत

आप अपने स्वार्थ के तहत किसी को अपनी जरूरत न बनाएं। बेहतर तो तब होगा की जब आप लोगों की जरूरत बने। क्यों कि जिस दिन उसे यह पता चल जाएगा कि आप उसे या लोगों को स्वार्थ के तहत काम आते या अपने करीब लाते हैं तो उसे आप से  हमेशा के लिए घिर्णा पैदा हो जाएगी जो उसके और लोगों के दिलों से कभी नहीं मिटेगी ।
जब आप निस्वार्थ भाव से लोगों के काम आएंगे , जब लोगों को लगेगा कि मैं उनकी जरूरत नहीं हूं बल्कि वो खुद मेरी जरूरत हैं तो फिर वो लोग भी आप के करीब होना शुरू हो जाएंगे जो आप से घृणा ( नफरत ) करते हैं।

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