पता नहीं किसने कहा था, एक सीनरी पर लिखा हुआ
पढा था। जिसे आज तक नहीं भूल पाया।
GOD MADE LAND AND MAN MADE BOUNDARIES.
( गौड मेड लैन्ड ऐन्ड मैन मेड बाऊनडरीज )
( ईश्वर ने धरती को बनाया और इंसानों ने इस धरती को
अपनी अपनी सीमाओं में बांट दिया। )
अपने अपने देश का नाम रख लिया।
इस दुनिया में कितने लोग धरती को माता मानते हैं ?
अधिकांश ज्यादा पढे लिखे लोग भी मिट्टी का ढेर या मिट्टी
की प्लेट मानते हैं।
जब की ( ज़मीन ) धरती जीवित है। इसके अंदर भी
( जान ) प्राण है।
आप कैसे शिस झुकाते हैं आप को पता है।
मगर पूरी दुनिया के अंदर जहाँ जहां मुसलमान हैं।
उस देश के जमीन को अपने दिल से प्यार करते हैं।
एक दिन में पांच बार हर मुसलमान अपने दोनों पैर के घुटनों को, फिर दोनों हाथ के पंजो को धरती पर रख कर
अपने माथे को धरती पर रखता है।
क्यों कि ( अल्लाह ) ( ईश्वर ) को यही पसंद है।
फिर मरने के बाद भी इसी धरती माता के गोद में सो जाता है। अपने देश और धरती के प्यार और लगाव को आप भी
इसी तरह सबित करें, फिर जो प्रमाण मुसलमानों से मागना
चाहते हैं लोग । उसकी जरूरत शायद नहीं पड़ेगी।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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सोमवार, 2 दिसंबर 2019
धर्ती माता
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