गृहस्थ और बेरोजगार जीवन जीने वालों कि कुछ पहचान
1- बहुत ज्यादा टीप टाप यानी मेन्टेन न रहपाना।
2- रोज रोज सलिंग भी नहीं हो पाती है।
3- चेहरे पर खामोशी और गंभीरता रहती है।
4- मन शान्त नहीं रहता।
5- ऐसा लगता है जैसे किसी विचार में खोया या किसी
परेशानी में पड़ा हो।
6- बातें नपी तूली होती हैं ज्यादा बात करने पर झुझलाएगा
यानी टेन्शनाईज्ड अपने काम की बात न लगना।
साथ में झोला जरूर रहेगा क्यों कि कभी भी कुछ भी लाने की फरमाईश भरा फोन आ सकता है।
वैसे भी कुछ न कुछ तो हर रोज लेना ही पड़ता है।
अगर बेरोजगारी नहीं है तो गृहस्थ जीवन बहुत ही आनन्द मय होता है।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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बुधवार, 15 जनवरी 2020
गृहस्थ जीवन और बेरोजगार
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