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शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

सोंच


आप अपने बारे मेँ सोचते हैँ या उसके बारे मेँ जिसे आप अपना समझते हैँ लेकिन उपर एक अल्लाह (ईश्वर ) भी है जो पूरी दुनियाँ के बारे मे सोँचता है ! आप जो सोँचते हैँ उसे अल्लाह (ईश्वर) जानता है मगर अल्लाह ( ईश्वर) जो सोँचता है उसे आप तो क्या पुरी दुनियाँ नहीँ जानती इस लिए मेरे भाई मेरे दोस्त किसी के बारे मेँ अच्छा नहीँ सोँच सकते तो बुरा भी मत सोँचो क्यों कि तुम्हारी सोँचो से दुनियाँ नहीँ चलती उसकी सोँचो से दुनिया चलती है उसकी मरजी के सिवा कुछ नहीँ होता ! अगर आप के समझ मेँ कुछ नही आता तो आप के उपर कितने हक और कितने फर्ज हैँ उसका पता लगाएँ और इतना ही सिर्फ करेँ यह भी एक इबादत (परम सेवा) है !

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