आप अपने बारे मेँ सोचते हैँ या उसके बारे मेँ जिसे आप अपना समझते हैँ लेकिन उपर एक अल्लाह (ईश्वर ) भी है जो पूरी दुनियाँ के बारे मे सोँचता है ! आप जो सोँचते हैँ उसे अल्लाह (ईश्वर) जानता है मगर अल्लाह ( ईश्वर) जो सोँचता है उसे आप तो क्या पुरी दुनियाँ नहीँ जानती इस लिए मेरे भाई मेरे दोस्त किसी के बारे मेँ अच्छा नहीँ सोँच सकते तो बुरा भी मत सोँचो क्यों कि तुम्हारी सोँचो से दुनियाँ नहीँ चलती उसकी सोँचो से दुनिया चलती है उसकी मरजी के सिवा कुछ नहीँ होता ! अगर आप के समझ मेँ कुछ नही आता तो आप के उपर कितने हक और कितने फर्ज हैँ उसका पता लगाएँ और इतना ही सिर्फ करेँ यह भी एक इबादत (परम सेवा) है !
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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शुक्रवार, 10 जनवरी 2020
सोंच
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