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बुधवार, 29 अप्रैल 2020

पैसा

ठीक है , समझ रहा हूँ कि इस वक्त जो प्रतिबंध लाकडाऊन के रूप में आप के ऊपर लगा हुआ है उससे आप लोगों को काफी कस्ट हो रहा है ।
जबकि आज आप के मुहल्ले में और गांवों की गलियों में हर दिन सुबह शाम हरी सब्जियां और फल बेचने वाले आ जाते हैं दूध वाला भी आता है , दिक्कत आप को सिर्फ इस बात की है कि आप पहले की तरह आजाद नहीं हैं, आप को सिर्फ आजादी चाहिए अगर कोरोना जैसी महामारी न होती तो आप एक दिन का जो जनता कर्फ्यू लगा था उसके बाद कोई माई का लाल नहीं रोक पाता । इस महामारी के कारण आज आप मजबूर हैं , कुछ डर भी है और बहुत सारे उल्टे सीधे सवालात्मक विचार भी जिसके वजह से आप रुके हुए हैं लेकिन मैं आप से एक बात जानना चाहता हूँ कि जब कश्मीर में लाकडाऊन लगा तब
कौनसी बीमारी या महामारी थी ?
उस वक़्त पूरा भारत किसी खेल के स्टेडियम में खेल के हार जीत का निर्णय करते हुए आनंद ले रहा था ।
हमारे देश के गृहमंत्री जी ने कहा था कि कश्मीर आईसीयू में है इलाज चल रहा है जल्दी ही ठीक हो जाएगा ।
किस बात का इलाज किया जा रहा था ?
पूरी दुनियां से किसी को भी कश्मीर में नहीं जाने दिया जा रहा है क्यूँ भाई  ?
भारत की सारी राजनीति पार्टीयां कमजोर पड़ गयीं थीं ।
उस वक़्त क्या हो रहा था यह पूरा भारत जानना चाहता था और आज भी जानना चाहता है ।
मुझे तो लगता है कि कश्मीर के मूल निवासी अब वहां बचे ही नहीं । 
वहां भूख से कोई मरने न पाये इसकी कोई व्यवस्था नहीं थी उस वक़्त प्रधान मंत्री केयर फंड भी नहीं था ।
उस वक़्त भारत का कोई भी व्यक्ति सहयोग देने के लिए
सामने नहीं आया। 
उस वक़्त जो लाकडाऊन चल रहा था 
कश्मीर में हर एक घर पर चार फोर्स लगाई गयी थी
उस वक़्त सुबह शाम फल शब्जी और दूध वाले नहीं जाते थे उस वक़्त दवा की दुकानें नहीं खुली थीं, उस वक़्त उनकी खेतियां नहीं काटने दी जा रहीं थी ।
उस वक़्त धर्ती के स्वर्ग को नर्क में बदला जा रहा था ।
और आज, आज आप को क्या परेशानी है ?
आज तो पूरा भारत आप के सुख दुःख के लिए आप के
साथ खड़ा है जश्न भी अपने घरों में लोग मना रहे हैं ।
पार्टीयां भी आयोजित हो रही हैं ।
क्या नहीं हो रहा है पैसा है तो जो चाहो सब कर सकते हो क्यों कि ये कश्मीर नहीं है मेरे भाई ।

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