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गुरुवार, 14 मई 2020

शिक्षा

गवर्नमेंट भी कहतती है कि प्राईमरी स्कूल में अपने बच्चों को पढाएं मगर जिसने पढा और जो लोग विद्यालय को छोड़ कर देश परदेश भागे उन्हें वापस अपने गांव भाग कर आना पड़ रहा है ऐसे मे उन्हें अपने गांव और घर में घुसने के पहले उसी प्राईमरी स्कूल में चौदह दिन तक रोका जा रहा है जिससे ये  एहसास होता है कि अगर शिछा लिए होते भागे न होते बाबा भीम राव की ही बात माने होते तो शायद आज ये दिन न देखने पड़ते आज एक अलग तरह की क्रांति होती । जिसे रोक पाना शासन प्रशासन के बस की बात नहीं थी ।

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