एक ही चीज की कई दुकानें हैं । जब आप को जिस दुकानदार का व्यवहार अच्छा न लगे तो तुरंत उस दुकान को छोड़ देना और कोई दूसरी दुकान पकड़ लेना।
जिस आदमी का व्यवहार तुम्हारे लिए अच्छा न हो और वो पीठ पीछे आप की बुराई करता हो तो उससे अपने सारे संबंध तत्काल खतम कर लें इसी में आप की भलाई है। जिस बैंक में आप का एकाउंट है उस बैंक के आप एक ग्राहक हैं हर प्रकार की सुविधा पाना और जानकारी लेना आप का अधिकार है । अपना ही पैसा जमा कर के आप को दिक्कत उठानी पड़े और आप को ध्यान न दिया जाय, कर्मचारियों का व्यवहार आप के प्रति अच्छा न हो तो आप अपने आप को मजबूर न समझें।
आप अपना और अपने सभी परचितों को समझाकर उस बैंक से खाता बंद कर दें।
किसी दूसरे बैंक में खाता खोलें क्यों कि आप को रिसपांस देना उनका काम है न कि आप का आप कभी भी किसी भी कर्मचारि के दबाव में ना रहें और ना ही किसी दुर्व्यवहार को सहें । आप स्वतंत्रता पूर्वक जीने की कोशिश करें टेन्शन न लें और न टेन्शन का कोई काम करें। जितना महत्वपूर्ण वे आप के लिए हैं उससे ज्यादा महत्वपूर्ण आप उनके लिए हैं आप उनसे नहीं जीते लेकिन वे आप से जीते हैं ।
किसी भी दुकान या संस्था जो लोगों से चलती है उसका
कारोबार ग्राहकों पर निर्भर करता है अगर ग्राहक हटादो
तो कारोबार खतम हो जाएगा ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें