अब दाम बेदाम होता जा रहा है । मनमाने कीमत लेने की होड़ सी मच गयी है । मैने एक टैक्सी ड्राइवर से पूछा कि पैसेन्जर कब से ढोना शुरू करेंगे तो बोला,
क्या पैसेन्जर ढोंएं सर सिर्फ तीन सवारी ही लेकर चल
सकते हैं । मैने पूछा किराया क्या है । तो बोला की
धुरियापार से गोरखपुर नार्मल तक का 300 रुपये उरूवा बाजार से गोरखपुर नार्मल तक का 300 रुपये
जब की ये दूरी सिर्फ 45 किलोमीटर की है ।
एक महोदय से खड़ी हल्दी सूखी वाली पूछा तो
120 रुपये किलो बताया।
एक महोदय से पूछा तो 80 रुपये किलो बताए।
चीनी कोई 35 रुपये में दे रहा है , तो कोई 40 रुपये में ।
ढाई सौ के कपड़े साढे पांच से छव सौ तक में दिये जा रहे हैं यानी जो जितना मौके का फायदा उठा सकता है उठा रहा है । जब की सारे आईटम पुराने स्टाक के ही हैं। आप की मजबूरी है कि अपने आवश्यकताओं की चीजों
को खरीदना मगर ये आशा न करें कि आप को कोई भी चीज मुनासिब दाम पर मिल सकेगी ।
खैर जीना है तो आप हर कीमत अदा करने के लिए तैयार
रहें।
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