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सोमवार, 31 मई 2021

कुछ भूल जरुर हुईं हैं

आप मुझसे मेरे एहसानों की तारीफ न करें ।
मैं नेकियां , मदद और भलाई कर के याद नहीं रखता ।
ये तो तुम्हारा हक़ और नसीब था , कि मुझे अल्लाह ने आप के जरुरतों का माध्यम बनाया कि मुझसे आपकी जरुरतें पूरी हुईं और आप को खुशी मिली । मैं तो सिर्फ इस बात को सोचता और याद रखता हूं , कि मुझसे गल्तियां नहीं बल्कि कुछ भूल जरुर हुईं हैं , जो दुबारा न हों इस कोशिश में लगा रहता हूं ।

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