hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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रविवार, 17 नवंबर 2019
जिद
मैने जो चाहा
शनिवार, 16 नवंबर 2019
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है ।
तेरे जुल्मो ने तुझको घेरा है ।।
उन बुरे वक़्त को जरा सेंचो ।
आज जो हो वो सब मेरा है ।।
सोंच अपनी जुबान अपनी है
सोंच अपनी जुबान अपनी है ।
झूठ सच की दुकान अपनी है ।।
तेरे सोंचो पे किसका पहरा है ।
उठो, चलो, जहांन अपनी है ।।
उसको देखा तो उड़ गयी नींदे ।
नई दुल्हन में मकान अपनी है ।।
कब, क्या, कैसे, तुम्हें पाना है ।
ये समझने का ग्यान अपनी है ।।
बढ रहा है जावेद भीड़ का समंदर ।
बेरोजगार हूं ये कहने में शान अपनी है ।।
बुधवार, 13 नवंबर 2019
सपने
मंगलवार, 12 नवंबर 2019
मुझ से छुप कर
मुझसे छुप कर के कोई आके गुजर जाता है ।
जाने क्यों जान कर वो दिल मेरा तड़पाता है ।
क्यों तड़पता है किसी और की चाहत में वो ।
मुझको तड़पा के भला कैसी खुशी पाता है ।
मन के मन्दिर में जो तस्वीर नज़र आता है ।
मैने चाहा है सनम दिल का तुमसे नाता है
तेरी गलियों से गुजर कर के भी खामोश हैं हम ।
बेवफा तेरा ही गंम हर वक्त मुझे खाता है ।
तुमको जावेद कभी भुल नहीं पाएगा ।
एक तू ही है जो दिल को मेरे भाता है ।
शनिवार, 9 नवंबर 2019
दिल से चाहा
जिसने हमेशा हमको दिल से चाहा
वही आज हमको भुलाने लगा है ।
मोहब्बत का सौदा खुद कर रहा है।
किसी और का गीत गाने लगा है ।
जमाने से भी कोई सिक्वा नहीं है।
वो खुद रंग अपने दिखाने लगा है ।
हमें दुसमनों की जरूरत ही क्या है।
जो अपना था वो ही जलाने लगा है
हमें जख्म अपनो ने ईतने दीये हैं।
दर्द भी दर्द से मुंह छुपाने लगा है ।
वफा का सिला बेवफाई से दे कर।
मुहब्बत को दिल से मिटाने लगा है ।
मुझको पता है वो बदला है जावेद।
कि झुठी कसम मेरी खाने लगा है
तूफान ए गोरी
मारी मुस्की मचावेलु तुफान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
सपना तुहार आवे राती के जगावेला ।
सारी सारी रात हमके नींद नाहीं आवेला ।।
मोरा तुहरे में बसेला। परान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
काम करीं कहीं मन तुहरे पे अटके ।
मन नाहीं लागे दिल तुहरे से हटके ।।
तूँ त जान सब भईलु अन जान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
असरा तुहार बाटे सरधा पुरा द।
कईसे मनाईं मन के एतना बता द ।।
कईले बानी तुंहसे प्यार के एलान गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
र ह तइयार सजनी डोली लेके आइब ।
आपन दुलहिनियां हम तुँहके बनाइब ।।
शुक्रवार, 8 नवंबर 2019
जरूरत
लोग कुछ करना नहीं चाहते।
जरूरतें सब कुछ करा लेती हैं।
सोमवार, 4 नवंबर 2019
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं ।
जहां इंसान को बेचा जाता है ।।
पांच रुपये के ख़ातिर भी ।
ईमान को बेचा जाता है ।।
जात धर्म और लिंग भेद में ।
नफ़रत की दीवारें हैं ।।
सत्ता की कुर्सी के ख़ातिर ।
जान को बेचा जाता है ।।
किसने कैसे देश चलाया ।
किसने कैसे देश बचाया ।।
उनको याद दिला कर के ।
पहचान को बेचा जाता है ।।
तुम जो हो, खुद में हो ।
मुझको तुमसे क्या मतलब ।।
अपना कह कर के ही तो ।
सम्मान को बेचा जाता है ।।
अंध विश्वास कि माया है ।
पाखंड देश पर छाया है ।।
रातो रात अमीर बना दे जो ।
भगवान को भी बेचा जाता है ।।