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रविवार, 25 अक्तूबर 2020

अटूट विश्वास

आप जिसे अपना मानते हैं ।
आप जिस पे भरोसा करते हैं ।
आप जिसकी हर बात मान लेते हैं ।
आप जिसकी बातों में सबूत की जरूरत नहीं समझते। 
सबसे पहले आप के जजबात से खिलवाड़ वही करता है ।
सबसे पहले आप को वही छलता है ।
सबसे पहले आप को नीचा दिखाना वही चाहता है ।
सबसे पहले विश्वास घात वही करता है ।
यह सब तो एक ऐसी परंपरा बन चुकी है जैसे कोई रिवाज़ ।
घबराओ मत जो जिस काबिल हो उस हिसाब से आज़माइश सबकी करते रहा करो। किसी के दिल और दिमाग को बदलते ज्यादा वक़्त नहीं लगता ।
कौन किसके कितने करीब है यह वह भी जानना चाहता है जो खुले तौर पर या पीठ पीछे आप का विरोधी है ।
और ऊपर कही गयी सारी समस्याएं ज्यादा तर यही लोग क्रियेट करते हैं सिर्फ एक दूसरे के अटूट विश्वास को देख कर ।

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