किसी के पास मुहब्बत है ।
किसी के पास दौलत है ।
दोनों एक साथ हर किसी को नहीं मिल्ती ।
80% ऐसे लोग हैं जिनके पास दोनों मेसे कुछ भी नहीं है ।
दौलत के नाम पर खुद परस्ती में जीना और मुहब्बत के नाम पर मुहब्बत का एक खूबसूरत नाटक है । जिसके अंधे पन में जिंदगी गुजरती जा रही है ।
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