कुछ भूल गये तो क्या हुआ ।
कुछ छोड़ गये तो क्या हुआ ।।
कुछ शर्तों पे साथ निभाते हैं ।
कुछ मक़सद से हाथ मिलाते हैं ।।
सबके जखमों को सहना है ।
कुछ भी न किसी से कहना है ।।
धीरे धीरे सब कट जाएगा ।
जीवन का दर्द सिमट जाएगा ।।
तुम अपना धंधा चटकाये रहो ।
लोगों को खुद में भटकाये रहो ।।
वो चलता है चलता जाएगा ।
एक दिन मंजिल भी पाएगा ।।
तुम बोझ बनो या रोग बनो ।
सबको परवाह नहीं होती ।।
पराश्रित हो कर जीने में ।
आसानी से मौत नहीं होती ।।
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