पाना तो सभी चाहते हैं ।
खोना कोई नहीं चाहता ।
लेना तो सभी चाहते हैं ।
देना कोई नहीं चाहता ।
जीतना तो सभी चाहते हैं ।
हारना कोई नहीं चाहता ।
जीना तो सभी चाहते हैं ।
मरना कोई नहीं चाहता ।
हक़दार होना तो सभी चाहते हैं ।
हक़ को निभाना कोई नहीं चाहता ।
ये सब , लोगों की चालांकी भरी मान्सिकता सिर्फ है । जब कि किसी के बस में कुछ भी नहीं है । सब कुछ उसके बस में है , जिसने इस दुनियां को बनाया है । वो जिससे जो करवाना चाहता है , करवा लेता है ।
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