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शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

आविष्कार पुरा हो जाने के बाद

क्या करुं मैं भी तो उसी को ढूंढ रहा हूं , जिसे आप भी ढूंढ रहे हैं । अचरज भरी और आस्चर्यजनक चीज़ों को , जिसे पढ़ने , सुनने और देखने के बाद सोचने पर मजबूर कर दे ।
अनसुनी , अनकही और अनदेखी चीजों की तलाश में तो आज भी मैं हूं । आप सोचते होंगे कि यह संभव नहीं है । मुझे पुर्ण विश्वास है , कि यह असंभव भी नहीं है । संभावनाएं तो वहां तक हैं , जहां तक आप सोंच सकते हैं । असंभव तो बस वही है , जिसे आप कभी सोंच नहीं सकते ।
जितने भी आविष्कार हैं , वो सब किसी की सोंच ही तो हैं ।
भले ही सुरुआत में लोगों को पागलपन लगा हो । आविष्कार पुरा हो जाने के बाद उपयोगकर्ता तो आज सभी लोग हैं ।
कोई अगर कुछ सोचता है और उसपर काम करता है , तो उसे व्यर्थ का पागलपन न समझें , अगर आप से उसके हक़ में कोई सहयोग नहीं हो सकता है , तो उसे निराश भी न करें  कोई ऐसी बात न कहें जिससे वो निराश हो या आप खुद उसकी नज़रों में बेवकूफ नज़र आने लगें ।
उसका पागलपन उसके लक्ष्य तक एक दिन जरूर ले जाएगा । इतना जरूर कहूंगा कि किसी पर ग़लत कमेंट करने से बेहतर है कि उसको प्रोत्साहन दें ताकि उसके जेहन में आप की अच्छी तस्वीर बनी रहे ।

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