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रविवार, 2 अगस्त 2020

शादी

शादी से पहले की जिंदगी और शादी के बाद की जिंदगी में अंतर होता है सब कुछ बदलने के साथ ही साथ मान्यताएँ और परंपराओं को भी ध्यान में रखते हुए उसे निभाना पड़ता है मगर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सिर्फ अपने मक़सद से मतलब है चाहे मान्यताएँ बिगडे़ या परंपराएं टूटे इन्हें समाज और लोक लाज किसी की परवाह नहीं  । शादी विवाह , मरनी करनी, व्रत त्यौहार इत्यादि में आना जाना आवश्यक है लेकिन कुछ परिस्थितियाँ हर जगह लागु नहीं होती जैसे आप की पत्नी त्यौहार मनाने अपने मायके चली जाए, दवा कराने अपने मायके चली जाए, हर सलाह मायके से लिए जाएं ये सब क्या है ?
अच्छे पति पत्नी के ये काम नहीं है अच्छे पति पत्नी मायका और ससुराल दोनों का ख्याल रखते हैं मगर समयानुसार । आप रोज मायके जाएं और लौट आएं ये अलग बात है । त्यौहार के अवसर पर या तो एक हफ्ता पहले जाएं या पन्द्रह दिन पहले और वहां रह कर त्यौहार मना कर आ सकती  हैं लेकिन ये काम बार बार न करें । एक बार की बात कुछ विशेष परिस्थितियों में आ जाता है । बार बार ऐसा करने से हास्यास्पद हो जाता है ।
मेरी दवा सिर्फ मयके में मिलती है ।
मेरे मायके में बहुत अच्छे अच्छे डाक्टर हैं ये भी बार बार कहना उचित नहीं है और न तो दवा कराने बार बार जाना ठीक है ऐसा करना रहस्यात्मक हो जाता है ।
ऐसा नहीं है कि हर कोई राम मनोहर लोहिया और पी,जी,आई के बगल में ही रहता है जब अटक जाती है तो पति ही अच्छा डाक्टर बताता है और ले भी जाता है ।
अगर आप किराये के मकान में रहती हैं तो आप त्यौहार 
मनाने अपने मायके या ससुराल जहां चाहें जा सकती हैं । अगर आप के ससुराल में कोई नहीं है आप अकेले हैं तो भी आप अपने घर जा सकती हैं ।
अगर आप ससुराल में अलग हैं और वहां के लोगों का व्यवहार आप के प्रति अच्छा नहीं है तो भी आप अपने 
घर जा सकती हैं । घर और ससुराल पति और परिवार सब का उचित ख्याल रखते हुए चलें कहीं ऐसा न हो की एक को बनाने में कई चीजें बिगड़ जाएं । कुछ चीजे बिगड़ जाएं तो कोई बात नहीं बनिस्बत उनके जिनका बना रहना आवश्यक है । जिससे आप को जीना है , जिसके साथ आप को जीना है ,और जहाँ आप को जीना है । इस बात का मनन करना और ध्यान देना आवश्यक है । विचारों में गंभीरता लाएं इसी में भलाई है । चाहे मायका हो या ससुराल किसी को तोड़ने की कोशिश न करे बेहतर यही होगा की दोनों को बनाए रक्खें । दोनों जगहों में अपना हस्तछेप न करें यह न सोचे कि एक टूटेगा तो दूसरा बचा रहेगा। दोनों टूटेगा फर्क सिर्फ इतना ही होगा की एक पहले टूटेगा तो दूसरा बाद में मगर टूटेंगे दोनो । बिखराव की बात सामने आने पर उसमें आग में खर डालने वाला काम न कर के उसे एक बने रहने की ही सलाह दे क्यों कि जो होना है वो तो होगा ही लेकिन अपनी वैल्यू और छवि को न बिगाडें। आप का आच्छा कर्तव्य और अच्छे विचार ही लोगों को याद आएंगे । संबंधों में आग लगाने वालों से हर कोई दूर रहना चाहता है ।

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