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रविवार, 16 अगस्त 2020

रुसवाई

जिन रिश्तों में इज्ज़त , मान, सम्मान न हो। 
जिन रिश्तों में पीठ पीछे खिल्ली उड़ाई जाती हो ।
जिन रिश्तों में अनमने ढंग से बात की जाती हो ।
जिन रिश्तों में जाते ही हर किसी को बोझ महसूस होने
लगता हो, खामोशी सी छा जाए और बिना खुद बोले 
कोई कुछ बोलने को तैयार ही न हो ।
जिन रिश्तों में आप को हसी का पात्र बना दिया जाय ।
जिन रिश्तों में हर बात का कटाछ पूर्वक जवाब दिया जाय और ऐसी बात बोली जाय जो बे वजह हों जिनका बोलना न उचित हों और न जरुरी हों मन बढई में बोली जाए जो आप के दिल और दिमाग दोनों को दुखी कर दे तो ऐसे रिश्ते चाहे वो जन्म से पैदायशी मिले हों या आप ने खुद बनाये हों उससे चुपचाप मुंह मोड़ कर भूल जाना चाहिए इसी में भलाई होगी वरना ऐसे ही लोग अपने ही 
लोगों की बे वजह जग में रुसवाई करते फिरते हैं। 

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