आत्महत्या मुझे नहीं मालुम कि लोग क्यूँ करते हैं ।
मेरे विचार से क्रोध की आखरी सीमा भी हो सकती है ।
जीने के लिए जब कोई वजह ही न रह जाय तब भी हो सकती है । विचारवान न होना भी हो सकता है ।
कल्पनाशील न होना भी हो सकता है । सामाजिक प्रतिष्ठा के हनन होने के कारण भी हो सकता है ।
जीवन में कभी कभी ऐसे वक़्त भी आते हैं जब आगे भी मौत पीछे भी मौत दायें भी मौत और बाएं भी मौत यानी कि दूर दूर तक हर तरफ सिर्फ मौत ही आखरी रास्ता हो और मौत के सिवा कुछ भी नहीं तब भी हो सकती है ।
कुछ ऐसी बातें, कुछ ऐसे कारनामें , कुछ ऐसे राज जिससे कानूनन मौत की सजा हो सकती है इस लिए भी आत्महत्या हो सकती है ।
ऊपर बताए गये कारणों के अलावा भी बहुत सारे कारण होते हैं लेकिन पता नहीं क्यूँ मुझे ऐसा लगता है कि वास्तविक आत्महत्या पांच परसेंट ही होती है ।
पंचानबे परसेंट हत्या को आत्महत्या का रुप देने की कोशिश की जाती है जिसमें रियल्टी से भरे हुए नाटक और सबूतों का न होना अस्सी परसेंट लोगों को कामयाब बना देती है ।
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