तुम दूसरे के आदेशों पर जीने के लिए और दूसरों के सपनों को पूरा करने के लिए पैदा हुए हो ? या अपने और अपनों के लिए ? ।
जब-तक खुद को नहीं पहचानोगे । तब तक एक अबोध बालक के समान ही रहोगे । ऐसे में - वक़्त , हालात , और परिस्थितियां , कुछ भी तुम अपने पक्ष में नहीं कर सकते , क्यों कि , तुम्हें यह पता ही नहीं चल पाएगा कि , क्या मेरे पक्ष में है ? और क्या नहीं ? ।
लोग तुम्हारे ही जैसे लोगों का खून चूसने के लिए जानवरों वाली सिरिंज लेकर घूम रहे हैं ।
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