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मंगलवार, 30 मार्च 2021

जिंदगी इन्तज़ार में गुज़र जाएगी

स्वार्थ सिद्धि में सौ कसमें , हजार वादे , और अनगिनत भरोसे दिये जाते हैं । स्वार्थ सिद्ध हो जाने के बाद उन सभी वादों , कसमों , और भरोसों से अंजान और अजनबी हो जाते हैं लोग । जब कि सब कुछ याद रहता है लोगों को ।
जो मुलाकातें पहले होती थी , जो बातें पहले होती थी , वो सब लगभग समाप्त कर दी जाती है । यदि अचानक आमना सामना हो गया तो जल्दी में हूं , समय निकाल कर मिलता हूं , कह कर निकल जाते हैं लोग । कोशिश यह होती है कि न मुलाकात हो , और न कुछ बात हो , क्यूं कि कहीं आप  कोई सवाल न पैदा कर दें ,?  यदि कभी कोई ऐसा क्षण आ भी जाता है , कि उन बातों को , उन कसमों को , और उन वादों को अगर आप ने पूछ लिया , तो उसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता ।
अगर मिलता है तो सिर्फ वादा । वो भी यह कह कर कि आप के काम के ही प्रयास में लगा हूं । कई लोगों से बात भी हुई है । बहुत जल्द आप का काम हो जाएगा ।
यह एक दिल बहलाने वाली झूठी सांत्वना है । उसने अपना स्वार्थ हल कर लिया है । आप उसके भरोसे रहेंगे तो सारी जिंदगी इंतजार में गुजर जाएगी और होना कुछ भी नहीं है ।इस लिए जो बीत गया है , उसे भूल जाएं और खुद के बदौलत अपने काम को पूरा करने का प्रयास नये हौसले के साथ जारी रखें ।
उस गलती को कभी न होने दें , जो आप के साथ हो चुकी है । ऐसे लोगों से वैसा ही व्यवहार करें , जैसा उसने किया है , क्यों कि शराफ़त और भोले पन का लाभ जो ले चुका है , उसकी आदत आसानी से नहीं जाती । जैसे ही आप अपने मकसद में कामयाबी की ओर बढ़ना शुरू करेंगे , ऐसे लोग आप के क़रीब आना शुरू हो जाएंगे ।
बेहतर तो यही होगा कि , बिना ठोस गारंटी के । बिना ठोस सबूत के । किसी की बातों में न पड़ें ।

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