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मंगलवार, 18 मई 2021

राजा के बच्चों को

राजा के बच्चों को नगारी नहीं पाल पाते ।
हां राजा के राज को , नगारी बेचने खाने और लूटने में बहुत आगे होते हैं ।

गुरुवार, 13 मई 2021

अपने आप को मिटाते जा रहे हो

उसने मेरी हस्ती ही कुछ और बनाई है , कि तुम मुझे मिटाने में अपने आप को मिटाते जा रहे हो और वो मुझे बनाने के लिए खड़ा है ।

बुधवार, 12 मई 2021

एक लोटा पानी

प्यास बुझाने के लिए एक लोटा ( जग ) पानी काफी है ।
मुझे क्या पता था कि ये पानी मेरी जरुरत बन जाएगी ।
जिंदगी भर प्यास लगेगी , और जिंदगी भर पानी की जरुरत पड़ेगी ।

निष्कर्ष-   यहां बात सिर्फ पानी और प्यास की ही नहीं है ।
जिंदगी में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं , जो एक प्यास की तरह शामिल हो जातीं हैं और जिंदगी से आखरी दम तक नहीं जातीं ।

शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

सतयुग , द्वापर और त्रेता में

सतयुग , द्वापर और त्रेता में एक राजा हुआ करते थे वो भी सिर्फ अपने राज के । आज इस कलयुग में हर व्यक्ति स्वयं में ही राजा है । बिना किसी राज्य के ।

शनिवार, 24 अप्रैल 2021

प्यार से मांगोगे

प्यार से मांगोगे, तो धन दौलत ही नहीं , बल्कि अपनी जान भी दे दुंगा , और अगर छीनना चाहोगे , तो मैं तुम्हारी जिंदगी छीन लुंगा ।

शनिवार, 17 अप्रैल 2021

बंजर और ग्रामसभा में दर्ज हो जाती है

दुनियां में एक भी इंच जमीन ऐसी नहीं है , कि जो किसी के नाम पर न हो । कुछ लोग जानते हैं । कुछ लोग नहीं जानते हैं । जो लोग अपनी जमीनों को नहीं जानते हैं , उनकी जमीन बंजर और ग्रामसभा में दर्ज हो जाती है । जब कि ये जमीन पहले भी किसी की थी । आज भी है , और कल भी किसी न किसी की रहेगी । फ़िर इसके लिए मरना, झगड़ना और खुद को तपाना क्यु ?

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

कोमा में लोग ज़िंदा रहते हैं

कानून के सामने अपने और अपने जुर्म का समर्पण करने पर , जुर्म और जुल्मीं दोनों में , सहुलियतें प्रदान की जातीं हैं ।
मैंने तो सिर्फ तुमसे मुहब्बत करने का जुर्म किया , और इस जुर्म में , अपना सब कुछ तुम्हारे आगे समर्पित भी किया । लेकिन तुम्हारे धोखा और नफ़रत ने , मुझे एनकाउंटर की सज़ा जैसा महसूस कराया ।
आज़ मैं जिंदा तो जरुर हूं , लेकिन वैसे ही जिंदा हूं , जैसे कोमा में लोग ज़िंदा रहते हैं ।

बुधवार, 14 अप्रैल 2021

किसे पकडूं और किसे छोड़ूं

मेरे अंदर मरऊवत भी है और मुझे जरुर भी है ।
दोनों से लगाव बेपनाह है । इन दोनों को छोड़ कर मैं जी ही नहीं सकता । समझ में नहीं आता कि किसे पकडूं और किसे छोड़ूं । जरूरत के लिए मरऊवत को छोड़ना पड़ेगा और अगर मरऊवत को पकडूं तो जरुरत हल नहीं होगी ।
क्या करुं ?
एक साथ दोनों का समावेश कभी कभी ज़हर बन जाता है ।
शब्दार्थ - मरऊवत - अपनापन , स्नेह , दया , दयावान ।

सोमवार, 12 अप्रैल 2021

जिंदगी भर प्यार भरी बातें नहीं हो सकती

जिंदगी भर प्यार भरी बातें नहीं हो सकती । कभी कड़वाहट कभी झुंझलाहट भरी बातें भी निकल ही जाती हैं । प्यार भरी बातों में , जितना अपनापन होता है , उससे ज्यादा अपनापन , उस कड़वाहट और झुंझलाहट भरी बातों के अंदर भी छुपी होती है ।

रविवार, 11 अप्रैल 2021

सम्मान देना उतना बुरा नहीं है

किसी को मान और सम्मान , देना उतना बुरा नहीं है , जितना बुरा , बिना सोंचे समझे , बिना जाने , परखे , किसी पर जान दे देना होता है ।

शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

लोग क्या कहेंगे ?

लोग क्या कहेंगे ? लोग क्या सोचेंगे ? इसे तुम्हें सोंचने की जरूरत नहीं है । लोगों ने तो संतों और महापुरूषों को नहीं छोड़ा , तो तुम क्या हो ?
लोग हैं कौन ?
ये वही लोग हैं , जो तुम्हें जानते हैं , और तुम उन्हें जानते हो इसके सिवा किसी को न फुर्सत है , और न जरूरत है , कि वो आप को सोचे और कुछ कहे , क्यों कि वो तुम्हें जानता ही नहीं ।

गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

स्वार्थ के हज़ारों रुप रंग होते हैं

स्वार्थी व्यक्ति के अंदर स्वार्थ के हज़ारों रुप रंग होते हैं ।
स्वार्थी का स्वार्थ जब प्रबल हो जाता है , तो अपने शिकार को किसी न किसी रूप रंग में रंग ही लेता है ।

बुधवार, 7 अप्रैल 2021

प्यार तो एक ही होता है

प्यार तो एक ही होता है , जो पवित्र और निस्वार्थ से भरा हुआ होता है । लेकिन प्यार के नाम के पीछे छुपे मकसद अनेक होते हैं ।

रविवार, 4 अप्रैल 2021

उसका दिल रखने के लिए

हर व्यक्ति की अपनी आवश्यकताएं और उसी के अनुसार सोंच भी होती है ।
किसी की छोटी होती है , तो किसी की बड़ी होती है ।
अपनी आवश्यकताओं के अनुसार , अपने सोंच के दायरे में रहना ही बेहतर होता है ।
किसी की सोचों में , उसका दिल रखने के लिए , हां में हां न मिलाएं , और न तो उसकी आवश्यकताओं में , झूठे मददगार बनने की कोशिश करें ।
ऐसी हरक़त ! हमेशा के लिए आप को , उससे और उसके लोगों से दूर कर सकती है ।

शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

जोश में होश का होना संभव नहीं

जोश में होश का होना संभव नहीं । जोश यानी जुनून में आकर कुछ भी बोला और कहा जा सकता है , लेकिन होश के धरातल पर खड़े होकर उसे निभाना या पुरा करना असंभव होता है ।

गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

वक़्त और इन्तज़ार में बहुत फर्क है

वक़्त और इन्तज़ार में बहुत फर्क है ।
वक़्त आता है और चला जाता है । रुक कर किसी का इंतजार नहीं करता ।
इंतजार तो हमेशा क़ायम रहता है । जिंदगी में इंतजार कभी पीछा नहीं छोड़ता । किसी न किसी चीज़ का इंतजार आप को करना ही पड़ता है ।

बुधवार, 31 मार्च 2021

सभी आप को ठगने वाले मिलेंगे

किसी पर सर्वस्व न्यौछावर कर देना , आप की मजबूरी है ? आप की ज़रुरत है ? आप का भरोसा है ? आप का विश्वास है ? कोई आप का अपना सगा है ? कोई गैर है मगर अपनों की तरह है ? या अटूट प्रेम है ?
एक हज़ार लोगों में एक ऐसा व्यक्ति मिलेगा जो आप की इस सोंच को क़ायम रक्खेंगा बाकी सभी आप को ठगने वाले मिलेंगे ।

रविवार, 28 मार्च 2021

जानवरों वाली सिरिंज लेकर घूम रहे हैं

जब दिमाग में भूसा भरा हुआ हो तो कोई भी अपनी बंदूक तुम्हारे कंधे पर रख कर चला सकता है ।
तुम दूसरे के आदेशों पर जीने के लिए और दूसरों के सपनों को पूरा करने के लिए पैदा हुए हो ? या अपने और अपनों के लिए ? ।
जब-तक खुद को नहीं पहचानोगे । तब तक एक अबोध बालक के समान ही रहोगे । ऐसे में - वक़्त , हालात , और परिस्थितियां , कुछ भी तुम अपने पक्ष में नहीं कर सकते , क्यों कि , तुम्हें यह पता ही नहीं चल पाएगा कि , क्या मेरे पक्ष में है ? और क्या नहीं ? ।
लोग तुम्हारे ही जैसे लोगों का खून चूसने के लिए जानवरों वाली सिरिंज लेकर घूम रहे हैं ।

शनिवार, 27 मार्च 2021

शिक्षित होने की सार्थकता

हम शिक्षा ग्रहण करते हैं , तो सभी छोटी बड़ी चीजों का ज्ञान प्राप्त होता है , लेकिन उसे अपनी जिंदगी में अमल नहीं करते ।
जानते हैं क्यों ?
क्यों कि शिक्षा से ज्यादा माया लोगों के दिलों दिमाग पर छा जाती है , इसी लिए शिक्षा और शिक्षित दोनों गौंड हो कर रह जाते हैं ।
इसी लिए लोग कहते हैं कि पढ़ें लिखे बेवकूफ हैं ।
क्रोध , लोभ , मोह , अहंकार और कामवासना पर अपना अधिकार जमा कर जीत हासिल कर लेना ही शिक्षित होने की सार्थकता है ।

शनिवार, 20 मार्च 2021

कामयाब होना चाहते हो तो

अपने दम पर अगर कुछ करना और कामयाब होना चाहते हो , तो अपने अन्दर से प्यार , शर्मिंदगी और झिझक को निकाल फेंको , क्यों कि ये सब तुम्हें कमजोर कर देंगे ।