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रविवार, 5 जुलाई 2020

ग्रंथ

हर इंसान एक ग्रंथ होता है जिसमें हर तरह के रंग भरे 
होते हैं । जिस दिन आप इंसान रुपी ग्रंथ के चेहरे और
दिल को पढने की कला को जान जाएंगे उस दिन से आप उस ग्रंथ को पढना भूल जाएंगे जिसे पढने में अपनी आथी या पुरी जिंदगी गुजारी है । बेबसी और लाचारी आलमारी में पड़े ग्रंथ से नहीं जाती इंसान का माध्यम इंसान ही बनता है । मेरे कहने का मतलब किसी भी थार्मिक ग्रंथ से नहीं है ।
मैंने दुनियां के शिक्षा पद्धति के ग्रंथों की बात की है ।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

निजी स्वार्थ

कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ में इतने अंधे हो जाते हैं कि
उनके सामने रिस्तों और संबन्धों का कोई मोल नहीं रह 
जाता। इज्ज़त और मर्यादाओं से कुछ लेना देना नहीं है ।

बुधवार, 3 जून 2020

गायकी के मार्गदर्शक

मोहम्मद रफी साहब तो आज हमारे बीच नहीं हैं मगर 
गायकी की दुनियां में जो आवाज़ वे छोड़ गये हैं वे आवाज़ अब दुबारा नहीं आएगी क्यों कि उनके अंदर गाड गिफ्टेड ईश्वरीय प्रदत्त आवाज थी जो किसी भी भाषा में गाने की छमता रखते थे ।
रही साहब ने बहुत सारे ऐसे गाने गाये हैं जिन्हें सुनने के
के बाद दिल और दिमांग में छा जाते हैं जिन्हें भूल पाना
मुमकिन नहीं । कहीं बहुत दूर से भी गाने की आवाज़
सुनाई पड़ जाए तो मन अपने आप ही गुनगुनाने लगता है आज उनकी आवाज़ नये गायकारों के लिये एक मार्गदर्शक के रुप में है ।

बिजनेस

एक आदमी ने बिजनेस करते हुए देखा है ।
एक आदमी ने बिजनेस कर के छोड़ दिया है ।
एक आदमी अभी बिजनेस कर रहा है ।
अब बात आती है बिजनेस करने की तो आप 
किसकी बात और राय मानेंगे ?
पहला आदमी जो देखा है वो राय बहुत देता है
जबकि वो फ्लाप यानी नाकाम आदमी है ।
दूसरा भी अपने नाकामी से छोड़ चुका है उससे भी
कभी न राय लें और न माने। 
तीसरा जो अभी बिजनेस कर रहा है वो उतना ही बता
सकता है जितना उसे मालूम है ।
जो काम वो कर रहा है उसे करते हुए कितने साल हुए 
इसका पता करें अगर उसने पांच या दस साल का समय 
दिया है तो उसे अनुभव और एक्सपर्ट के रुप में उसकी
बात और राय को माना जा सकता है लेकिन सभी के अलग अलग एक्पीरियन्स होते हैं । जब आप शुरु करेंगे तो आप का काम और बिजनेस खुद आप को एहसास दिलाएगा कि मुझे और बेहतर कैसे करना है ।

सोमवार, 1 जून 2020

गायीका

भारत में सर्वश्रेष्ठ गायिका लता मंगेस्कर जी के बाद शायद ही कोई उनका स्थान ले पाये एक दिन में अगर मैं बीस गाने सुन्ता हूं तो पन्द्रह गाना लता जी के ही होते हैं 
मैने लता जी के आवाज को तीन रुपों में महसूस किया है
१- voice of magic. आवाज का जादू
२- voice of heart.  दिल की आवाज़
३- voice of sex. आवाज़ का संभोग
     जब की मैं खुद लता जी का फैन हूं। और भी गाईकायें हैं जो आच्छा गाती हैं मगर दूसरी और तीसरी स्रेणियों  में हैं ये लोग अपना प्रयास जारी रक्खें ।

शनिवार, 23 मई 2020

वक़्त

जिंदगी में दो चीज बहुत नाजुक होते हैं 
वक़्त और रिश्ते 
इन दोनों में कभी कभी झुकना भी पड़ता है
जो अकड़ गया वो उखड़ गया फिर तनहाई 
के सिवा कोई करीब नहीं होता ।

गुरुवार, 14 मई 2020

चाहत

जिस वक़्त आप की दोस्ती अल्लाह से हो जाएगी उस वक़्त से आप को दुनियां में किसी चीज की कोई ख्वाहिस नहीं रह जाएगी और न अल्लाह से कुछ मागने की चाहत ।

शिक्षा

गवर्नमेंट भी कहतती है कि प्राईमरी स्कूल में अपने बच्चों को पढाएं मगर जिसने पढा और जो लोग विद्यालय को छोड़ कर देश परदेश भागे उन्हें वापस अपने गांव भाग कर आना पड़ रहा है ऐसे मे उन्हें अपने गांव और घर में घुसने के पहले उसी प्राईमरी स्कूल में चौदह दिन तक रोका जा रहा है जिससे ये  एहसास होता है कि अगर शिछा लिए होते भागे न होते बाबा भीम राव की ही बात माने होते तो शायद आज ये दिन न देखने पड़ते आज एक अलग तरह की क्रांति होती । जिसे रोक पाना शासन प्रशासन के बस की बात नहीं थी ।

मंगलवार, 5 मई 2020

वेंटीलेटर

बिना बिमारी के सबसे पहले कश्मीर आई,सी,यू में गया
अब आर,बी,आई भी पहुँच गया ।
संपूर्ण भारत और भारत की जनता वेंटीलेटर पर है अब
धीरे धीरे दोनों आई,सी,यू की ओर बढ रहें हैं ।

बुधवार, 29 अप्रैल 2020

फालो

मेरे ब्लॉग पर आने वाले सभी मित्रों , भाइयों और बहनों
से विनम्र निवेदन है कि मेरे पोस्ट के ठीक दाहिने तरफ 
एबाऊट मी है जिसमें मेरी पूरी प्रोफ़ाइल है ।
ठीक इसी के ऊपर एक निले कलर का फालो का आप्सन है जिसे टच कर के फालो कर ले। 
जिससे आप अपने विचार मुझे दे सकते हैं ताकि आप के
सुझाव के मुताबिक मैं अपने ब्लॉग को और भी बेहतर कर सकूं । 
                आप का अपना 
                 जावेद गोरखपुरी

गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

अनपढ

इस दुनियां में सभी धर्मों की पुस्तकें हैं ।
संसारिक, आध्यात्मिक के साथ सभी प्रकार
के ज्ञान उसमें भरे हुए हैं जो आप चाहते हैं ।
ये अलग बात है कि काफी लोग अनपढ और
अज्ञानी हैं मगर फिर भी मैने बहुत सारे लोगों
को देखा है जो अपने सीखने और समझने के
बल पर आज अनपढ होते हुए भी सान्सारिक 
एव आध्यात्मिक ज्ञान से भरे हुए हैं ।
सिर्फ इतना फर्क है कि इनके अंदर अछरों का 
ज्ञान नहीं है कि ये कुछ लिख सकें। जब की इन्हें 
अब अछरों के ज्ञान की जरुरत भी नहीं है।
जिनके पास अछरों का ज्ञान भी है पढे लिखे भी हैं
मगर हरकतें मुर्खों से भी बढ कर करते हैं ।
ऐसे लोगों का तो मर जाना ही बेहतर है।

बुधवार, 15 अप्रैल 2020

अकाल

मेरा परिक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन न जाने 
क्यूँ कुछ ऐसे लच्छण दिख रहे हैं जैसे अकाल का
दौर शुरू हो चुका है। अकाल मृत्यु में भूख से मरने 
वालों की तादाद बढती ही जा रही है। 

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

आर्टिकल

ये मेरे ब्लॉग की पर्सनल वेबसाइट है। मेरे अन्तर आत्मा 
में जो विचार आते हैं या जिसे मैं देखता हूँ या जो मुझे 
सोंचने पर विवश करते हैं उसे मैं यहां लिखता हूं। 
इस ब्लॉग के किसी भी आर्टिकल का किसी भी धर्म 
समुदाय या व्यक्ति से कोई संबन्ध नहीं है सिर्फ़ और 
सिर्फ मेरी कल्पनाएं और विचार मात्र हैं और रहेंगे ।
आप यदि मेरे ब्लॉग को पढते हैं तो आप से गुज़ारिश 
है कि आप मुझे अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें जिससे मुझे 
हौसला मिलेगा और मुझे खुशी भी होगी। 
अगर आप मेरे ब्लॉग को फालो करते हैं तो मेरे ब्लॉग के
हर नये आर्टिकल का नोटिफिकेशन आप को मिल जाएगा। 

सोमवार, 13 अप्रैल 2020

हार

अपनेआप से हार जाना दुनियां से हार जाने के बराबर है
अपनेआप को जीत लेना दुनियां को जीत लेने के बराबर है । अपनी आत्मशक्ति को पहचानो और उसे निखारो ।

रविवार, 12 अप्रैल 2020

निवेदन

महिलाओं से निवेदन करता हूँ कि वे बिना जरूरी 
काम के अपने पति को बाहर न जाने दें। 
इस लाकडाऊन में पति की भरपूर सेवा करें और 
अपने जीवन को सार्थक बनाएं। 
प्रेमिकाओं से गुज़ारिश है कि कहीं भी अपने प्रेमी 
को बुलाने की कोशिश न करें ।
वरना इसके तीन परिणाम होंगे 
1- पति कोरोना से अपने ही घर को साफ कर देगा। 
2- प्रेमी प्रेमिका से दोनों के घर साफ होंगे। 
3- कोरोना से अगर बच गये तो लाठी की मार 
    जब जब पुरवाई चलेगी तब तब कोरोना की याद 
    सारी जि़दगी दिलाती रहेगी। 

शनिवार, 11 अप्रैल 2020

राहत

कोरोना के कारण हुए लकड़ाउन से 
उनके लिए बहुत बड़ी राहत हुई है ।
जो अपनी प्रेमिका और 
जो अपनी पत्नी के शापिंग से परेशान थे। 

मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

निशाना

बीमारी कहीं और है ।
निशाना कहीं और है ।
अगर निशाना कहीं और न होता तो बिमारी 
हिन्दू  , मुस्लिम का रूप न लेता। 
कनिका को चौथे स्टेज में भी पाजेटिव पाया 
गया था। इसपर भी कनिका ठीक हो गई। 
जिस दवा से ये ठीक हुई हैं उस दवा को पुरी दुनियां 
में फैलाया जाय ताकी जो अभी दवा का रिसर्च कर 
रहे हैं उनका टाईम वेस्ट न हो। 
एक सौ पैंतीस करोड़ जनसंख्या वाले भारत देश में 
अबतक 4500 साढे चार हजार लोग कोरोना पाजेटिव 
पाए गये हैं। अब आप जरा परसेंटेज निकाल कर देखें
कि भारत में कितना परसेंट कोरोना अपना पैर फैला 
पाया है। इस हिसाब से कोई परसेंट ही नहीं निकलता 
कनिका का ठीक होना यह साबित करता है कि कोई
इस बिमारी से भारत में नहीं मर सकता। 
जब कि ये विदेश से होकर आई थी। 
अगर कोई पेसेन्ट मिलता है तो उसे अलग कर के सेफ
कर दिया जाए और कनिका वाला इलाज किया जाए। 
बाकी जो एरिया या जिला सेफ है उन्हें अपने जिले में 
अपने एरिये में आजाद कर दिया जाय साथ ही इस बात 
का सख्ती से इन्तजाम किया जाय कि इन एरियों और 
जिलों में दूसरे जिले या एरियों के लोग प्रवेश न कर सकें। 

रविवार, 5 अप्रैल 2020

समाज

जो सुबह घर छोड़ते थे और रात में नौ दस बजे
घर वापस आते थे  ।
आज उनका एक एक दिन एक एक साल जैसा 
गुजर रहा है  ।
बारहवीं में पढा था मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है
आज समझ में आया कि समाज से दूर होकर जीना
कितना मुश्किल होता है  ।

शनिवार, 4 अप्रैल 2020

आटा

बहुत सारे लोग डेली आटा खरीद कर घर चलाते हैं। 
बहुत सारे लोग डेली दोस्तों के हाटस्पाट से अपने 
मोबाइल का डाटा कनेक्ट कर के अपना काम चलाते हैं।
ये दोनों तो अब लगभग समाप्ती के कगार पर होंगे। 
बहुत सारे लोग एक महीने का राशन घर में रखते हैं। 
और इससे ज्यादा लोग 28 दिन का डाटा मोबाइल में 
रखते हैं। 
ये लोग भी अब अपने आटा और डाटा के समाप्ति के 
के कगार पर हैं काफी लोगों के आटा और डाटा समाप्त 
भी हो चुके होंगे ।
कम से कम आधी आबादी का न्यूनतम खर्च दो सौ से 
पांच सौ तक की डेली है जिन्हें ये फार्मूला ज़िंदा रखता है ।
डेली काम डेली पैसा। 
काम बन्द पैसा बन्द  ।
ये लोग किस मुकाम पर पहुंच गये होंगे ?
सुना है लोग कहते हैं कि भारत में जन्म लेने वाला बच्चा 
भी कर्जदार होता है। 
अब ये बात समझ में नहीं आती की भारत बिदेश से कर्जा ले और कर्जदार देश का एक एक बच्चा होता है तो यहां 
हिन्दू मुस्लिम तो रहे नहीं 
अमीर गरीब तो रहे नहीं 
ए पी एल, बी पी एल तो रहे नहीं 
सबका हिसाब बराबर है न
कर्जा तो हर बच्चे पर है न
तो  फिर कैटेग्रियां क्यों  ?
खैर कोई बात नहीं करे कोई और , भरे कोई और। 
जिनके पास है वो आपातकालीन स्थिति में देश की
सेवा करें जिनके पास नहीं है देश उनके एक एक बच्चे 
की सेवा करे चाहे वो किसी भी क्लास का हो 
कैटेग्री सिस्टम को हटाया जाए , जब लोग बचेंगे तो 
उन्हें जैसे चाहना बांट देना। अभी वे सभी लोग जो 
संपन्न हैं चुनाव प्रचार की तरह खुद और अपने आदमियों द्वारा हर एक घर तक आटा डाटा के साथ हर एक आवश्यक चीजों के साथ पहुंचे इसी की जरूरत है और 
इसी में भलाई है  , यही मानव सेवा है, यही देश भक्ति है।
आप लोग खुद विचरक हैं मुनि भी हैं जो मुझसे छूट गया उस पर विचार करें और मनन भी करें। 

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

पेसेन्ट

कुछ हर्ट के पेसेन्ट हैं ।
कुछ ब्लडप्रेशर के पेसेन्ट हैं ।
कुछ टीबी के पेसेन्ट हैं। 
कुछ दमा के पेसेन्ट हैं। 
कुछ न्यूरो के पेसेन्ट हैं। 
कुछ बदलते हुए मौसम और वातावरण की वजह से 
सर्दी जुखाम बुखार के पेसेन्ट हैं। 
और मालिक करे कि किसी को कोई रोग न हो। 
ऐसे में बिना कारण पूछे कृप्या किसी की भी पिटाई न करें। 
मैं देख रहा हूँ न्यूज के माध्यम से कि एक आदमी पर
चार पाच पुलिस वाले अपने नामर्दी का सबूत दे रहे हैं। 
जनता वर्दी की इज्जत करती है लेकिन तुम्हारी गुण्डागर्दी ने वर्दी की इज्जत को धूल में मिला कर रख दिया है। 
यही वजह है कि आज सिवाए गाली के कोई इज्जत की
नजर से नहीं देखता सब गिरी हुई नजर से देखते हैं। 
आज के महामारी में कृप्या आप भी इंसानियत से पेश 
आएं । दुनियां के हर काम प्रेम से भी अंजाम दिये जा 
सकते हैं। मनबढई कर के लोगों की हाय और बददुआ 
न बटोरें क्यों कि ये पाप आप से होते हुए आप के बच्चों 
परिवार और खान्दान तक मडराता रहता है।